केंद्र ने रोकी प्रियांक खरगे की अमेरिका यात्रा, कर्नाटक कांग्रेस बोली- ‘यह प्रतिशोध की राजनीति!’

कर्नाटक सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव उस वक्त तेज हो गया जब राज्य के ग्रामीण विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे को अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की अनुमति नहीं दी गई. कर्नाटक कांग्रेस ने इस फैसले को राजनीतिक भेदभाव करार देते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई और कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. उन्होंने बताया कि जब वे बिजली मंत्री थे, तब भी विदेश यात्राओं के उनके कई प्रस्ताव विदेश मंत्रालय द्वारा खारिज कर दिए गए थे.

शिवकुमार ने कहा, हाल ही में भी मुझे एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग नहीं लेने दिया गया, लेकिन एक केंद्रीय मंत्री को उसी कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मिल गई. यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक भेदभाव का मामला है.

अमेरिका यात्रा की अनुमति नहीं मिलने पर बिफरे प्रियांक

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने भी इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि जब एक विपक्षी मंत्री के साथ ऐसा व्यवहार होता है, तो उसके पीछे राजनीतिक मंशा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

मंत्री प्रियांक खरगे को अमेरिका में होने वाले एक आधिकारिक कार्यक्रम में भाग लेने जाना था, लेकिन विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा को अनुमति नहीं दी. खरगे ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य सिर्फ रोजगार और निवेश को बढ़ावा देना था, न कि निजी लाभ.

उन्होंने कहा, हम विदेशों में जाकर खेल खेलने नहीं जाते, हम वहां रोजगार और निवेश के अवसर तलाशते हैं. अगर हम राज्य के लिए निवेश लाते हैं, तो यह देश के लिए भी फायदेमंद है.

कर्नाटक कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

उन्होंने आगे बताया कि इससे पहले भी वे और एमबी पाटिल अमेरिका की यात्रा पर गए थे, जहां पर 35,000 से 40,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव और आशय पत्र (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए थे. उन्होंने कहा, हमने इन्वेस्ट कर्नाटक के माध्यम से यह काम किया था. हाल ही में हमें सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स परियोजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है, जिससे राज्य एक इलेक्ट्रॉनिक्स और एयरोस्पेस हब के रूप में उभर रहा है.

प्रियांक खरगे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की सफल योजनाओं से घबराई हुई है और उसे बाधित करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा, वे मेक इन इंडिया जैसे बड़े-बड़े नारे देते हैं, लेकिन जब कोई राज्य सच में इन पहलों को आगे बढ़ाना चाहता है, तो उसे रोका जाता है. अगर कर्नाटक सफल होता है, तो देश भी सफल होता है.

कांग्रेस की राज्य इकाई ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए इसे संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया.

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