लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में शिवपाल यादव एक बड़ा नाम है। आम जनता से लेकर शासन-प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी भी उनके नाम से वाकिफ हैं। सपा सरकार में उनकी गिनती कद्दावर मंत्रियों में होती थी। धमक ऐसी थी कि उनके फोन मात्र से अधिकारी कुर्सी छोड़ देते थे। लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा कि अब अफसर उनका फोन उठाना तो दूर उनके नाम से बात करना भी पसंद नहीं करते हैं। एक ऐसा ही प्रकरण बीते दिनों सामने आया है। दरअसल, शिवपाल यादव ने करीब डेढ़-दो महीने पहले एक मामले को लेकर बुलंदशहर की डीएम श्रुति को फोन किया था। कई बार फोन करने के बाद भी डीएम ने फोन रिसीव नहीं किया। शिवपाल यादव की ओर से डीएम के सीयूजी, उनके पीए और लैंडलाइन नंबर पर कॉल किया गया था। इस बात से नाराज सपा विधायक ने विधानसभा सत्र के दौरान अध्यक्ष सतीश महाना से शिकायत की थी। मामला शिवपाल यादव से जुड़ा होने के चलते सतीश महाना ने बुलंदशहर डीएम को नोटिस जारी किया था।

सतीश महाना ने जारी किया नोटिस
बताया जा रहा है कि नोटिस जारी होने के बाद बुलंदशहर डीएम ने शिवपाल यादव से माफी मांग ली थी। डीएम श्रुति ने स्वयं फोन कर सपा विधायक से बात की और फोन ना उठने के लिए माफी मांगी थी। शिवपाल यादव के करीबियों की माने तो यह प्रकरण विधानसभा के मॉनसून सत्र से पहले का है।
30 बार शिवपाल ने किया था फोन
शिवपाल यादव ने एक कार्यकर्ता के प्रकरण को लेकर बुलंदशहर डीएम को फोन किया था। शिवपाल और उनके लोगों ने डीएम के सीयूजी, लैंडलाइन समेत कई नंबरो पर फोन किया था। शिवपाल यादव ने अपने ऑफिशियल लैंडलाइन नंबर से भी फोन किया था। इस दौरान करीब 30 बार कॉल अलग-अलग नंबरों से किया गया था। लेकिन डीएम साहिबा ने ना फोन उठाया और ना ही पलटकर फोन ही किया। फिलहाल अब यह मामला सुलझ गया है।


