नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का जिक्र किया था तो राजनीतिक प्रेक्षकों के साथ खुद संघ से जुड़े लोग भी आश्चर्यचकित हुए थे। अब उन्होंने 16 साल आयु में संघ से जुड़ने वाले सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA कैंडिडेट बनाकर मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा ट्रंप कार्ड चला दिया है। राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने एक अनूठा इतिहास बनेगा। जब देश के शीर्ष पदों पर संघ के स्वयंसेवक विराजमान होंगे।
संघ के लिए 'स्वर्णिम पल'
संघ से लंबे समय से जुड़े एक लेखक और प्रोफेसर कहते हैं कि 15 अगस्त के दिन वह कार ड्राइव कर रहे थे और पीएम मोदी की स्पीच सुन रहे थे। जब पीएम मोदी ने संघ का नाम लिया तो उन्होंने गाड़ी रोककर प्रशंसा में ताली बजाई। वह कहते हैं शायद इस तारीफ की संघ ने भी अपेक्षा नहीं की होगी। एक ऐसा संगठन जिसका तीन बार वध करने की कोशिश की गई, लेकिन संघ ने आपदा प्रबंधन से लेकर खुद को वनवासियों के बीच तक पहुंचाकर अपना विस्तार किया। ऐसा करने वाले ये अकेले नहीं है बल्कि पीएम मोदी ने जब संघ के काम का लाल किले से जिक्र किया तो तमम स्वयंसेवकाें के आंसू भी छलक आए।
अलग अंदाज में दिख रहे PM मोदी
आखिर में पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से वह सम्मान दिया। जिस पर आरएसएस का हक था। पीएम मोदी बीजेपी में आने से पहले खुद संघ में थे। फिर उन्होंने बीजेपी संगठन में काम करने के बाद सीधे गुजरात के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी हासिल की थी। शायद इसीलिए उन्हें पता है कि किस बात का कब मुफीद वक्त होता है। बतौर पीएम तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी जिस भूमिका में दिख रहे हैं। उससे जाहिर है कि वह संघ को गुरु दक्षिणा समर्पित कर रहे हैं। आने वाले दिनों में कुछ और आश्चर्यजनक हो तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं होगी। राजनीतिक प्रेक्षक इसे पीएम मोदी की दिव्य दृष्टि मान रहे हैं। उनके पीएम बनने के बाद लगातार बड़े पदों पर संघ का दबदबा बढ़ा है।
शताब्दी वर्ष में शीर्ष पर संघ
राष्ट्रपति पद के पद विराजमान द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला सभी संघ परिवार से निकले हैं। इतना ही नहीं नितिन गडकरी भी संघ के प्रोडक्ट हैं। अब आगे सीपी राधाकृष्णन जब उपराष्ट्रति की कुर्सी पर बैठते हैं तो वह इस पद पर पहुंचने वाले संघ के दूसरे व्यक्ति बनेंगे। इसके पहले वेंकैया नायडू उपराष्ट्रति की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। नायडू से पहले भैरों सिंह शेखावत भी उपराष्ट्रपति रहे लेकिन वह सीधे भारतीय जनसंघ में आए थे। ऐसे में संघ अपने शताब्दी वर्ष में शीर्ष पर होगा। जाहिर है नागपुर में संघ के 100 के जश्न के मौके पर यह क्षण अनूठा होगा।
विजयदशमी से शुरू होगा जश्न
संघ के 100 साल का जश्न विजयदशमी के पर्व के साथ शुरू होगा। ऐसे में जब अब विजयदशमी में करीब सवा महीने का वक्त बाकी है। इससे पहले उपराष्ट्रपति का चुनाव संपन्न हो जाएगा। विजयदशमी पर नागपुर में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत स्वयंसेवकों के को संबाेधित करेंगे। इसके बाद पूरे देश में नवंबर, 2025 से लेकर जनवरी, 2026 तक संघ का साहित्य वितरित किया जाएगा। संघ ने हर गांव, हर बस्ती अभियान के लिए बड़ी तैयारी की है।