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    दौसा का सरकारी स्कूल: पढ़ाई शून्य, कुर्सी तोड़ने का खेल जारी, प्रशासन की सुस्ती पर सवाल

    राजस्थान के दौसा जिले में एक ऐसा सरकारी प्राइमरी स्कूल है, जहां इस साल एक भी बच्चा नहीं पढ़ रहा है. इसके बाद भी इस स्कूल में दो शिक्षक आते हैं. नया शिक्षा सत्र शुरू हुए चार महीना बीत चुका है, लेकिन बावजूद इसके पूरा स्कूल खाली पड़ा है. स्कूल में दो शिक्षकों के अलावा को नहीं आता. सरकारी स्कूल में इस साल पहली से पांचवीं कक्षा तक एक भी बच्चे ने एडमिशन नहीं लिया.

    यहां एक हेडमास्टर और एक शिक्षक पदस्थ हैं. दोनों को ही दिन भर सिर्फ कुर्सी तोड़ते देखा जा सकता है. ये सरकारी स्कूल जिले के सिकराय तहसील के सिकराय उपखण्ड के गीजगढ़ ग्राम पंचायत में है. इस सरकारी स्कूल में एक भी बच्चे नहीं हैं. इसके बाद भी शिक्षकों के वेतन, मिड-डे मील, सहायिका और स्वीपर के वेतन समेत लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

    2024 में स्कूल में बच्चों की संख्या 2 थी
    गीजगढ़ ग्राम पंचायत में स्कूल पर किया जा रहा ये पूरा खर्च सिर्फ बर्बाद हो रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां बच्चे पहले से ही नहीं है और शिक्षक बच्चों की संख्या बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाते भी नजर नहीं आते. गांव वालों ने बताया कि कुछ साल पहले तक स्कूल में बच्चे आते थे. साल 2022 में स्कूल में छह बच्चे थे. साल 2023 में यह संख्या बढ़ी और सात हो गई, लेकिन 2024 में स्कूल में बच्चों की संख्या दो गई.

    बच्चों के नाम कटवा दिए गए
    जुलाई 2025 आते-आते स्कूल में एक भी बच्चा नहीं रह गया. स्कूल के प्रिसिंपल ने बताया कि उन्होंने आसपास की ढाणियों में कई बार सर्वे किया. बच्चों को स्कूल से जोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को नजदीकी निजी और अन्य सरकारी स्कूलों में भेजा गया. पिछले साल तक यहां दो बच्चे पढ़ाई के लिए आते थे, लेकिन उनके भी नाम कटवा दिए गए.

    प्रिसिंपल ने बताया कि अभिभावकों ने कहा कि दो बच्चों के कारण स्कूल पढ़ाई का माहौल नहीं था. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जीरो दर्ज संख्या के आवेदन पर प्रिसिंपल को दो बार नोटिस जारी किया गया है.

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