दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त फैसला: नाबालिग की सहमति नहीं मान्य, दुष्कर्मी की 10 साल की सजा कायम

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए गए आरोपित की 10 साल की सजा को बरकरार रखते हुए उसकी 10 साल की जेल की सजा को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि घटना के समय पीड़िता की उम्र 15 वर्ष थी, इसलिए भले ही यौन संबंध सहमति से प्रतीत होते हों, यह मामला कानूनन दुष्कर्म की श्रेणी में ही आता है। न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने 2023 में निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया और कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश साक्ष्य और गवाहियों पर विश्वास किया जा सकता है।

कोर्ट ने कहा- पीड़िता की उम्र को लेकर कोई विवाद नहीं उठाया गया

अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता यह साबित करने में असमर्थ रहा है कि पीड़िता का यह बयान कि अपीलकर्ता ने प्रह्लादपुर में उसके साथ यौन संबंध बनाए थे, झूठा है। अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता ने पीड़िता की उम्र को लेकर कोई विवाद नहीं उठाया। साथ ही यह कहा कि निचली अदालत ने अपीलकर्ता के पक्ष में कम उम्र और पहली बार अपराध करने के कारण होने वाली परिस्थितियों पर पहले ही विचार कर लिया है, लेकिन यह भी कहा कि अपराध की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

हाई कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के बयान में आई कुछ मामूली विसंगतियां उसकी पूरी गवाही को अविश्वसनीय नहीं बनातीं।
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता का बयान यह प्रमाणित करता है कि उसके और अपीलकर्ता के बीच वास्तव में यौन संबंध बने थे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि दोषी को दी गई 10 साल की सजा कानून द्वारा निर्धारित न्यूनतम अवधि है और यह अपराध की गंभीरता के अनुरूप है।

जानिए क्या था पूरा मामला

यह मामला वर्ष 2017 का है। पीड़िता के पिता ने समयपुर बादली पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी स्कूल गई थी लेकिन वापस नहीं लौटी। उसे लगभग एक माह बाद हरियाणा के बल्लभगढ़ से आरोपित के साथ बरामद किया गया। लड़की ने आरोप लगाया कि वह स्कूल गई थी, जहां उसकी मुलाकात आरोपनत व्यक्ति से हुई, जो उसका रिश्तेदार था, और वह उसे कालकाजी मंदिर ले गया और आश्वासन दिया कि वे दोपहर तक वापस आ जाएंगे।

उसने आरोप लगाया कि वह लौटने में देरी करता रहा और फिर उसे अपने घर ले गया जहां उसने नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाई, जिससे वह बेहोश हो गई और जब होश आया तो वह नग्न अवस्था में थी। पीड़िता का आरोप है कि आरोपित ने उसे व परिवार को बदनाम करने की धमकी दी और 24 अप्रैल 2017 तक उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। बाद में 28 अप्रैल, 2017 को पुलिस ने उसे बचाया। हालांकि, उस व्यक्ति ने आरोपों से इनकार किया और मामले में खुद को निर्दोष बताया।

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