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    Dhoni का वो मास्टरस्ट्रोक, जिसने भारत को बनाया असली ‘चैंपियन’

    नई दिल्ली। आखिरी ओवर में मैच जीतने के लिए चाहिए थे 15 रन… सामने था स्पिन गेंदबाज, जिसके ऊपर टीम की हार या जीत का पूरा प्रेशर बना हुआ था।

    जैसे ही आखिरी गेंद फेंकी गई तो गेंद विरोधी टीम के बल्लेबाज के बल्ले से छू भी नहीं पाई और मैदान पर जश्न चालू हो गया। खिताब जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों की खुशी देखने लायक रही, तो हारने वाली टीम के खिलाड़ी सिर झुकाए हताश दिखे।

    ये बात है आज ही के दिन 12 साल पहले खेले गए मैच की… जब भारत और इंग्लैंड की टीमें चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का फाइनल मैच खेल रही थी। इस मैच में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को उसी की धरती पर हराकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था।

    उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी थे, जिनका इस ट्रॉफी जीतने में अहम योगदान रहा था। धोनी के एक फैसले ने इंग्लैंड से खिताब छीन लिया था। आइए जानते हैं उस मास्टरस्ट्रोक के बारे में जिसकी वजह से टीम इंडिया असली चैंपियन बनी थी।

    दरअसल, चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का फाइनल मैच बर्मिंघम में खेला गया था, जहां बारिश ने मैच में खलल डाला और इस वजह से मुकाबला 50-50 नहीं, बल्कि 20-20 ओवर का किया गया।

    बारिश के बाद जब मैच शुरू हुआ तो इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टेयर कुक ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुनी थी। पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया की तरह से रोहित शर्मा और शिखर धवन बतौर ओपनिंग कॉम्बिनेशन उतरे थे।

    रोहित 9 रन तो धवन 31 रन बनाकर आउट हुए। रोहित के आउट होने के बाद दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी तीनों मिलाकर 2 रन ही बना पाए। जडेजा ने विराट कोहली के साथ मिलकर 47 रन पार्टनरशिप की। विराट 42 रन बनाकर आउट हुए, जबकि जडेजा ने 33 रन की नाबाद पारी खेली और टीम को 7 विकेट के नुकसान पर 129 रन तक ले गए।

    जीता हुआ मैच हारा था इंग्लैंड
    130 रन का पीछा करते हुए इंग्लैंड की शुरुआत भी खराब रही। कप्तान एलिस्टेयर कुक महज 2 रन बनाकर आउट हुए। इयान बेल 13 और जो रूट 7 रन पर निपट गए। टीम ने लगातार विकेट गंवाए और 9वें ओवर में उन्होंने 46 रन के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे। 

    इसके बाद ऑएन मॉर्गन और रवि बोपारा के बीच 50 रन की साझेदारी बनी और इन्होंने इंग्लैंड को जीत के करीब तक पहुंचा दिया था। टीम को अब 16 गेंद पर 20 रन की दरकार थी और ये दोनों ही बल्लेबाज फॉर्म में दिख रहे थे।

    भारत ने इंग्लैंड को 5 रन से हराकर जीती थी चैंपियस ट्रॉफी

    धोनी ने इशांत को थमाई गेंद
    18वें ओवर में धोनी ने इशांत शर्मा को गेंद थमाई और उनके इस फैसले ने हर किसी को हैरान कर दिया था। हर किसी को लग रहा था कि अब टीम इंडिया की हार तो तय ही समझो, लेकिन माही को खुद और अपने अनुभवी गेंदबाज पर पूरा भरोसा था।

    इस ओवर की शुरुआत में इशांत महंगे जरूर साबित हुए। दूसरी ही गेंद पर मॉर्गन ने उन्हें छक्का जड़ दिया था और अगली लगातार दो गेंदें वाइड रही। इशांत पर दबाव बढ़ गया था, इस दौरान माही ने विकेट्स के पीछे से दौड़ लगाते हुए इशांत से कुछ बात की। ऐसा लगा कि उन्होंने ईशांत को गुरुमंत्र दे डाला।

    दो वाइड के बाद अगली दो गेंदों पर ईशांत ने इंग्लैंड के सेट बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। इशांत का पहला शिकार इयोन मोर्गन बने, तो अगली गेंद पर रवि बोपारा उनके जाल में फंसे। अश्विन ने उनका कैच लपका। इस तरह इशांत ने मैच पूरी तरह से 2 गेंदों में पलट डाला था। टीम इंडिया की जीत की उम्मीदें फिर से जाग उठी थी। 

    इशांत की दो गेंदों ने इंग्लैंड से छीनी थी जीत

    6 गेंद पर चाहिए थे 15 रन
    इंग्लैंड की पारी के आखिरी ओवर के दौरान भारत की तरफ से अश्विन की पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना, लेकिन दूसरी बॉल पर स्टुअर्ट ब्रॉड ने चौका लगाया। तीसरी गेंद पर एक रन आया। चौथी और पांचवीं बॉल पर दो-दो रन बने। अब हर किसी की नजरें आखिरी गेंद पर थी।

    आखिरी गेंद पर इंग्लैंड को चैंपियन बनने के लिए 6 रन की जरूरत थी। इस समय अश्विन के हाथों से निकली आखिरी बॉल को जेम्स ट्रेडवेल बल्ले से छू भी नहीं सके और इस तरह भारत ने 5 रन से इंग्लैंड को रौंदकर चैंपियंस ट्रॉफी के खिताब अपने नाम कर लिया था।

    भारत की चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 वाली टीम
    एमएस धोनी (कप्तान), विराट कोहली, शिखर धवन, मुरली विजय, दिनेश कार्तिक, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, अमित मिश्रा, इरफान पठान, ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, विनय कुमार।

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