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    55 लाख रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए डॉक्टर, NMC ने की सख्त कार्रवाई

    रायपुर: श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के नाम पर 55 लाख रुपये रिश्वत लेने वाले तीन डाक्टरों को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इन डॉक्टरों सहित छह लोगों को सीबीआई ने रंगेहाथ रायपुर से एक जुलाई को गिरफ्तार किया था।

    आरोपियों को बुधवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए पांच दिन के रिमांड पर लिया गया। इसके साथ ही नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च की आगामी सत्र की मान्यता संबंधी सभी प्रक्रियाएं रद कर दी गई हैं।

    पहले से थी मिलीभगत
    सीबीआई का दावा है कि मान्यता दिलाने के लिए 1.62 करोड़ रुपये की डील हुई थी। सीबीआई की जांच में यह साफ हुआ है कि आरोपी डॉक्टरों और कुछ अफसरों ने कॉलेज प्रबंधन से मिलीभगत किया था। उन्होंने निरीक्षण से पहले ही जांच टीम की जानकारी लीक कर दी थी। इसके बाद मेडिकल कालेज ने घोस्ट फैकल्टी, नकली मरीज और फर्जी उपस्थिति जैसे फार्मूले अपनाकर निरीक्षण को अनुकूल दिखाया।

    श्री रावतपुरा सरकार के कहने पर ऐसा किया गया
    अदालत में पेश दस्तावेजों में दावा किया गया है कि कॉलेज संचालन समिति अध्यक्ष रविशंकर महाराज (श्री रावतपुरा सरकार) के कहने पर ऐसा किया गया। श्री रावतपुरा सरकार आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक समेत अधिकारी एनएमसी के आगामी आधिकारिक निरीक्षण के बारे में गोपनीय और अग्रिम जानकारी प्राप्त करने की साजिश में शामिल थे।

    इन 6 लोगों को किया गया गिरफ्तार
    – डॉ.चैत्रा एमएस श्रीधर-श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कालेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरू की एसोसिएट प्रोफेसर।
    – डॉ.मंजप्पा सीएन-मांड्या इंस्ट्यूट आफ मेडिकल साइंस माड्या (कर्नाटक) की प्रोफेसर और एचओडी(आर्थोपेडिक्स)
    – डॉ. अशोक शेल्के-राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग सदस्य
    – श्री सतीशा एए-निजी चिकित्सक
    – अतुल कुमार तिवारी-श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक।
    – रविचंद्रन केएफ-(डॉ.चैत्रा के पति)

    सीबीआई ने रंगे हाथों पकड़ा
    सीबीआई ने अदालत में पेश आरोप पत्र में बताया कि निरीक्षण से ठीक पहले डॉ. मंजप्पा ने अपने साथी डॉ. सतीशा एए को 55 लाख की रिश्वत हवाला के माध्यम से लेने के लिए कहा था। डॉ. मंजप्पा ने डॉ. चैत्रा से भी संपर्क कर बताया कि उनका हिस्सा डॉ. सतीशा एए घर पहुंचाएंगे।

    सीबीआई ने बेंगलुरु में जाल बिछाकर एक जुलाई को 55 लाख की रिश्वत की बरामदगी की। इसमें से 16.62 लाख रुपये डॉ. चैत्रा के पति रविचंद्रन केएफ पास से और 38.38 लाख सतीशा एए के पास से बरामद किए गए। सीबीआई ने रायपुर, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था।

    मंत्री जी बोलें-सरकार का यही जीरो टॉलरेंस
    इस पूरे कार्रवाई को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का कहना है कि भाजपा सरकार का यही जीरो टॉलरेंस है। सीबीआई स्वतंत्र एजेंसी है, जहां गड़बड़ी होती है, वहां कार्रवाई करती है। आगे भी इस तरह की कार्रवाई होती रहेगी।

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