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    फोन कॉल में अमित शाह और अजित डोभाल बनकर 4 करोड़ का फ्रॉड, पुणे के एक्स-बैंकर ठगे गए, पढ़िए पूरी स्टोरी

    पुणे : महाराष्ट्र में एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी के साथ बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने उन्हें खुफिया विभाग में नौकरी, देशहित से जुड़े गुप्त मिशन, 38 करोड़ रुपये के इनाम और गृह मंत्री से सीधे संपर्क जैसे लालच देकर 4 करोड़ 6 लाख 7 हजार 355 रुपये की ठगी कर ली। खास बात यह है कि इस धोखाधड़ी में शिकायतकर्ता के सगे रिश्तेदार ही शामिल पाए गए हैं। इस मामले में पर्वती पुलिस स्टेशन में 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 318(4), 204 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता सूर्यकांत दत्तात्रय थोरात (उम्र 53 वर्ष) ने दर्ज कराई है। सूर्यकांत विजयी चैतन्य सोसायटी, दत्तवाड़ी, पुणे के रहने वाले हैं। वह सारस्वत बैंक की सोमवार पेठ शाखा से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और वर्तमान में अपनी पत्नी अर्चना थोरात के साथ पुणे में रहते हैं।

    38 करोड़ इनाम का किया दावा
    2019 में उनकी पत्नी के भाई सुनील बबनराव प्रभाले ने उनसे संपर्क किया और बताया कि उनका बेटा शुभम प्रभाले केंद्र सरकार के खुफिया विभाग में कार्यरत है और उसने देशहित के लिए एक गुप्त मिशन में महत्वपूर्ण काम किया है। इस काम के बदले में उसे सरकार से 38 करोड़ रुपये का इनाम मिलने वाला है, लेकिन इसे प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया शुल्क, कानूनी फीस और वरिष्ठ अधिकारियों को उपहार देने होंगे।

    ऐसे ठगता रहा रुपये
    जब शुभम और सुनील के साथ थोरात की बातचीत बढ़ने लगी, तो उनका उन पर विश्वास और भी गहरा हो गया। दोनों ने बताया कि काम अंतिम चरण में है और पैसे देने के बाद राशि वापस मिल जाएगी। विश्वास हासिल करने के लिए, उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिया और उनके साथ फोन पर कॉन्फ्रेंस कॉल होने का नाटक किया।

    अमित शाह से कॉन्फ्रेंस कॉल का दावा
    सूर्यकांत का विश्वास जीतने के लिए, आरोपी उन्हें फोन करके अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात कराई। सूर्यकांत ने बताया कि जिन्होंने फोन पर बात की, उन्होंने अमित शाह और अजित डोभाल जैसी आवाज में ही बात की, जिससे उन्हें और विश्वास हो गया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने (रिश्तेदार ने) मुझे अपने बेटे का आईडी कार्ड, रिवॉल्वर और बैंक का मैसेज दिखाया। हमें उस पर कभी अविश्वास नहीं हुआ। उसका परिवार हमें बताता था कि वह ट्रेनिंग के लिए गया था, इसलिए वह कभी घर पर नहीं रहता था। इसलिए मुझे लगा कि यह सच है।

    सब कुछ बेचकर दिए रुपये
    जनवरी 2020 से सितंबर 2024 के बीच, मैंने उसके अलग-अलग खातों में 4 करोड़ रुपये से ज़्यादा ट्रांसफर किए। मैंने अपने फ्लैट, खेत, दुकान, कार और पत्नी के गहने बेच दिए। जब यह पर्याप्त नहीं था, तो मैंने अपने पीएफ से पैसे दिए।

    अलग-अलग अकाउंट्स में ट्रांसफर करवाई रकम
    इस धोखाधड़ी में न केवल शिकायतकर्ता, बल्कि उन्होंने अपने परिचितों से उधार लेकर भी आरोपियों को पैसे दिए। कुछ लेन-देन नकद में हुए, जबकि कुछ सीधे बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किए गए। आरोपियों ने पैसे प्राप्त करने के लिए सारस्वत बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडसइंड बैंक जैसे बैंकों के खातों का इस्तेमाल किया। लेन-देन में शुभम प्रभाले के खाते में सीधे 1.82 करोड़, ओंकार प्रभाले के खाते में 10.93 लाख, प्रशांत प्रभाले के खाते में 40.67 लाख, सुनील प्रभाले को 7 लाख (नकद), और भाग्यश्री प्रभाले के खाते में 1.05 लाख रुपये जमा हुए। इसके अलावा, रिश्तेदारों से उधार ली गई 17 लाख, 25 लाख, 10 लाख, 6.5 लाख, 3.5 लाख, और 3 लाख जैसी विभिन्न राशियों का लेन-देन भी इसमें शामिल है। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि धोखाधड़ी की कुल राशि 4,06,07,355 रुपये है। चार साल तक धोखाधड़ी सहने और राशि वापस मिलने की उम्मीद खत्म होने के बाद, थोरात ने 15 सितंबर 2025 को पर्वती पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद, पुलिस ने शुभम सुनील प्रभाले, सुनील बबनराव प्रभाले, ओंकार सुनील प्रभाले, प्रशांत राजेंद्र प्रभाले और भाग्यश्री सुनील प्रभाले, इन पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

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