नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया है। मायावती ने कहा कि इन दोनों दलों ने अंदर ही अंदर मिलकर अनेक संशोधनों के जरिए संविधान को काफी हद तक जातिवादी, सांप्रदायिक एवं पूंजीवादी संविधान बना दिया है।
मायावती ने पत्रकारों से कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अब संसद के अंदर एवं बाहर संविधान की कापी दिखाने की होड़ में लगे सत्ता एवं विपक्ष एक ही थाली के चट्टे-बट्टे लग रहे हैं। ये लोग अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान के साथ जो खिलवाड़ कर रहे हैं, वह कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्ष ने अब तक अंदर-ही-अंदर मिलकर इतने ज्यादा संशोधन कर दिए हैं कि अब यह बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मंशा वाला समतामूलक, धर्मनिरपेक्ष और बहुजन हिताय वाला संविधान नहीं रह गया है। बल्कि अधिकांश तौर पर अब यह जातिवादी, सांप्रदायिक एवं पूंजीवादी संविधान बन गया है। जनता का ध्यान बांटने के लिए सत्ता और विपक्ष आपसी मिलीभगत से जबर्दस्ती संविधान बचाने का नाटक कर रहे है।
पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह को किया याद
मायावती ने पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह को याद करते हुए यह दावा किया कि उनकी सरकार में मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू होने पर, तब कांग्रेस और भाजपा के लोगों ने परदे के पीछे से डटकर इसका विरोध भी कराया था। उन्होंने कहा,मैं सत्ता और विपक्ष में अंदरूनी मिलीभगत की बात इसलिए कह रही हूं कि क्योंकि इन दोनों की खासकर कांग्रेस और भाजपा एवं अन्य दलों की जिन-जिन राज्यों में सरकारें चल रही हैं, वे सभी राज्य सरकारें वहां के लोगों की गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी दूर करने में पूरी तरह विफल हो गयी हैं।