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    वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी, राजस्थान में बसेंगे 7 नए बाघ

    हाड़ौती के टाइगर रिजर्व परदेसी बाघों के घर बनेंगे। इंटर स्टेट कॉरिडोर के मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों को लाया जाएगा। सरकार की योजना के तहत मध्यप्रदेश से 7 बाघ- बाघिनों को लाया जाएगा। इन्हें मुकुन्दरा व रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा।

    करीब पांच दशक पूर्व 1973 में बाघ परियोजना शुरू होने के बाद यह प्रदेश में पहला अवसर होगा जब राज्य की सीमाओं का बंधन खोलते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य में बाघों की शिफ्टिंग की जाएगी। जीन पूल में सुधार के लिए राजस्थान पत्रिका ने इस मुद्दे को उठाया था, इसके बाद सरकार ने बाघों के इंटर स्टेट कॉरिडोर की योजना बनाई थी।

    दिवाली तक हो सकती है शुरुआत
    वन्यजीव प्रेमियों को दीपावली तक खुशखबर मिल सकती है। सरकार की योजना के तहत शिफ्टिंग की शुरुआत अक्टूबर में होगी। दिसम्बर माह तक सभी 7 बाघ- बाघिनों को हवाई मार्ग (हेलीकॉप्टर) से शिफ्ट किया जाएगा।

    बैठक में हुई चर्चा
    गत दिनों दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव व मुख्य वन संरक्षक पीके उपाध्याय व मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक शिखा मेहरा व अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में संसद भवन स्थित कार्यालय में संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी में वन विभाग से जुड़े प्रोजेक्ट और दोनों टाइगर रिजर्व में बाघ-बाघिन शिफ्टिंग को लेकर बैठक हुई, जिसमें अधिकारियों को बाघ-बाघिन की शिफ्टिंग के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के लिए कहा गया।

    बढ़ेगी संख्या और कुनबा
    मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अभी एक शावक व दो मादा सब एडल्ट बाघिनों समेत पांच बाघ हैं। एक बाघ को जल्द रणथंभौर से लाकर शिफ्ट करने की योजना है। मध्यप्रदेश से कम से कम दो बाघिनों को यहां शिफ्ट किया जाता है तो यहां कुनबे में 8 बाघ- बाघिन हो जाएंगे। रामगढ़ विषधारी में अभी शावक समेत बाघों की संख्या 7 है। ऐसे में हाड़ौती के इन दोनों टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 20 को पार कर जाएगी। रिजर्व में अधिकतर बाघ- बाघिन युवा व सब एडल्ट हैं।

    संक्रमण का खतरा होगा कम
    विशेषज्ञों के अनुसार इससे बाघ-बाघिनों की संख्या में अनुपात सुधरेगा और टाइगर रिजर्व जल्द विकसित होगा। अभी तक प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से लाए गए बाघ-बाघिन या उनकी संतानें है। इनमें से कई मेल-फीमेल्स में ब्लड रिलेशन हैं। इससे कई जेनेटिक प्रॉबलम्स हो सकती है। संक्रमण का खतरा रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार दूसरे राज्य से बाघ बाघिन आने से संक्रमण का खतरा कम और नस्ल में सुधार होगा।

    बढ़ाया जा रहा प्रे-बेस
    उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देशों के अनुरूप टाइगर रिजर्व में प्रे-बेस को बढ़ाया जा रहा है। हाल ही में पुष्कर, दिल्ली व भरतपुर से सांभर-चीतल को लाया जा रहा है। 150 चीतलों को टाइगर रिजर्व क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। गत सप्ताह पुष्कर से 15 चीतल को लाया गया था। दिल्ली व भरतपुर से सांभर चीतलों को लाया जा चुका है।

    दूसरे राज्य से बाघों का आना प्रदेश के लिए अच्छा है। रणथंभौर से भी बाघ लाएंगे। स्थानीय स्तर पर योजना के तहत कार्य कर रहे हैं। बाघों की संख्या के अनुरूप प्रे-बस बढ़ाया जा रहा है।

    सुगना राम जाट, मुख्य वन संरक्षक, वाइल्ड लाइफ विंग एवं फील्ड डारेक्टर मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व

    5 से संख्या हुई 7
    इंटरस्टेट कॉरिडोर के तहत पूर्व में पांच बाघिनों को लाने की योजना थी। इनमें से दो बाघिनों को मुकुन्दरा हिल्स व शेष तीन को रामगढ़ विषधारी में शिफ्ट करने की योजना थी। बैठक में 7 बाघ-बाघिनों की शिफ्टिंग का निर्णय लिया गया।

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