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    छिंदवाड़ा कांड के बाद सख्त हुई सरकार: अब मध्य प्रदेश में 3 गुना होगी दवाओं की टेस्टिंग

    भोपाल: मध्य प्रदेश में जहरीली कफ सिरप से 25 मासूम बच्चों की मौत के बाद अब प्रदेश में दवाओं की जांच की क्षमता बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. राज्य सरकार अब दवा जांच व्यवस्था में व्यापक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है. एमपी में दवाओं के नमूनों की जांच की क्षमता को 3 गुना से ज्यादा बढ़ाया जाएगा.

    इसके लिए राज्य सरकार केन्द्र सरकार को 200 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है. इसके तहत प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर और जबलपुर की दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं के अलावा ग्वालियर की निर्माणाधीन प्रयोगशाला को उन्नत किया जाएगा.

    3 गुना दवाओं की हो सकेगी जांच

    छिंदवाड़ा मामले के बाद सामने आया है कि प्रदेश में दवाओं के करीबन 5 हजार 500 से ज्यादा नमूने जांच के लिए पेंडिंग हैं. एमपी में अभी करीबन हर साल 6 हजार नमूनों की जांच की ही क्षमता मौजूद है. इसे बढ़ाकर हर साल 20 हजार करने की योजना तैयार की जा रही है. उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अपने निवास पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन व्यवस्था की समीक्षा बैठक की. इसमें तय किया गया कि प्रदेश में ड्रग की जांच, गुणवत्ता नियंत्रण, लैब और मैनपावर को मजबूत किया जाएगा.

    जिससे नमूनों की जल्द से जल्द जांच पूरी हो सके. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि औषधी निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ड्रग मॉनिटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन योजना के मसौदे को जल्द अंतिम रूप दिया जाए. इसमें सभी प्रयोगशालाओं में माइक्रोबायोलॉजी व स्टरलिटी लैब स्थापित की जाएगी.

    नए उपकरण लगाए जाएंगे

    प्रदेश की प्रयोगशालाओं में अत्याधुनिक उपकरण जैसे एचपीएलसी, जीएलसी, जीसीएमएसएम, एलसीएमएस, आईआर, यूव, डिसॉलूशन टेस्टर और डिर्जिटीग्रेशन टेस्टर लगाए जाएंगे. सभी प्रयोगशालाओं को एनएबीएल मान्यता की कार्रवाई भी की जाएगी. प्रदेश भर में डेटा एंट्री ऑपरेटर, सैंपलिंग असिस्टेंट, एनालिस्ट, केमिस्ट, लैब असिस्टेंट जैसे नए पद सृजित किए जाएंगे. इसके अलावा स्टॉफ की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी, ताकि उनकी दक्षता में बढ़ोत्तरी की जा सके.

     

     

      रजिस्टर्ड फार्मा ही बेच सकेंगे दवाएं

      बैठक में उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शेड्यूल दवाओं की बिक्री सिर्फ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की मौजूदगी में ही की जा सकेगी. बिना फार्मासिस्ट की दवा बिक्री करते पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दवा विक्रेताओं को बिक्री रजिस्टर्ड में डॉक्टर का नाम, पर्चे की तारीख, रोगी का विवरण जैसा विवरण रखना होगा.

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