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    बारिश और लैंडस्लाइड से भारी तबाही, वैष्णो देवी से चारधाम यात्रा तक सब बंद

    नई दिल्ली। इस साल बारिश और लैंडस्लाइड ने ऐसी तबाही मचाई है कि कई धार्मिक यात्राएं तक रोकनी पड़ी हैं। लगातार भूस्खलन ने इस बार श्रद्धालुओं के कदम रोक दिए हैं। देशभर के कई बड़े धार्मिक स्थलों पर यात्राएं रोकने की नौबत आ गई है।  प्रशासन को सुरक्षा को देखते हुए कई रूट बंद करने पड़े हैं। मौसम की मार ने न सिर्फ आस्था की राह रोक दी है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की उम्मीदों को भी अधूरा छोड़ दिया है।
    वैष्णो देवी से लेकर चारधाम, अमरनाथ और आदि कैलाश तक फिलहाल यात्राएं रुकी हुई हैं। यही वजह है कि दूर-दूर से आए श्रद्धालु और पर्यटक अब इस इंतजार में हैं कि कब मौसम सामान्य होगा और वो दोबारा  यात्रा पर निकलेंगे।

    वैष्णो देवी यात्रा आठवें दिन भी ठप
    जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम की वजह से श्रद्धालुओं की आस्था पर ब्रेक लग गया है। क्योंकि भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे के चलते वैष्णो देवी यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। इतना ही नहीं सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने होटलों और धर्मशालाओं को खाली कराने का आदेश दिया है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में बड़ा नुकसान न हो। 26 अगस्त को आई तबाही ने कई लोगों की जान ले ली थी, उसके बाद फिलहाल यात्रा रुकी हुई है। यह पहला मौका है जब वैष्णो देवी यात्रा लगातार आठवें दिन बंद रही है। इससे पहले 2020 में कोरोना महामारी के दौरान यह यात्रा छह महीने तक रुकी थी। वहीं 2021 की दूसरी लहर में श्रद्धालुओं की संख्या बेहद कम रही, लेकिन तब यात्रा पूरी तरह बंद नहीं हुई थी।

    चारधाम पर 5 सितंबर तक रोक
    उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश की वजह से चारधाम यात्रा भी रोकनी पड़ी है। कई इलाकों में भूस्खलन और मलबा गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं। मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) पर 5 सितंबर तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए हेमकुंड साहिब की यात्रा भी फिलहाल रोक दी गई है।
    अमरनाथ यात्रा समय से पहले समाप्त
    हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। इस बार यह यात्रा 9 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे एक हफ्ते पहले ही रोकना पड़ा था। 3 जुलाई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 4.14 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। हालांकि मौसम को देखते हुए 3 अगस्त से अब किसी भी नए श्रद्धालु को यात्रा की अनुमति नहीं दी जा रही है।

    आदि कैलाश मार्ग भूस्खलन से बंद
    उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित पवित्र आदि कैलाश धाम तक जाने का रास्ता भी बारिश की वजह से बाधित है। समुद्र तल से 5,945 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस तीर्थ तक पहुंचना मानसून में और मुश्किल हो जाता है, क्योंकि यहां लगातार भूस्खलन होता रहता है। इसी साल 20 मई को हुए एक बड़े भूस्खलन में कई यात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे। फिलहाल यात्रा के दूसरे चरण की तैयारी चल रही है और 15 सितंबर से इनर लाइन परमिट जारी किए जाएंगे।

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