भोपाल। मध्य प्रदेश में कफ सिरप से अब तक 23 मासूमों की मौत हो चुकी है. इन बच्चों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने भारत सरकार की मेट्रोपॉलिटन सर्विलांस यूनिट (MSU) की रिपोर्ट दिखाकर कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को पहले से इसकी जानकारी थी, फिर भी कार्रवाई नहीं की गई।
सरकार को पहले से थी जानकारी – जीतू पटवारी
जीतू पटवारी ने कहा कि 19 सितंबर को भारत सरकार की मेट्रोपॉलिटन सर्विलांस यूनिट (MSU), नागपुर ने सरकार को जानकारी दी थी कि एक संदिग्ध बीमारी के तहत बच्चों की मौत हो रही है। इसके बाद केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार को इस मामले की पूरी जानकारी मिल गई थी, लेकिन फिर भी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और बच्चों की मौतें होती रहीं। पटवारी ने कहा कि MSU की रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती छिंदवाड़ा के बच्चों की संदिग्ध एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) से मौत हो रही थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास जो रिपोर्ट है, वह भारत सरकार का सरकारी दस्तावेज है, यह मेरा निजी आरोप नहीं है। उन्होंने बताया कि 3 सितंबर को पहले बच्चे की मौत हुई थी और 19 सितंबर तक 8 बच्चों की मौत हो चुकी थी, लेकिन किसी बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं हुआ। उन्होंन आगे कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने 19 सितंबर को एमपी सरकार को सूचित कर दिया था, फिर भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। पटवारी ने कहा कि प्रदेश में बच्चे मरते रहे, सब सोते रहे और सरकार दशहरा मनाती रही।
श्रेसन कंपनी मालिक 10 दिन की पुलिस रिमांड पर
जहरीले कफ सिरप से 23 बच्चों की मौत के मामले में कल SIT ने श्रेसन कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को हिरासत में लिया था। जिसके बाद मालिक को SIT की टीम तमिलनाडु के चेन्नई से छिंदवाड़ा लेकर आई थी। कल कोर्ट में रंगनाथन की पेशी के बाद 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।