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    जस्टिस चंद्रशेखर बनेंगे नई सुनवाई के मुख्य न्यायाधीश, जानें उनके करियर और मराठा आरक्षण मामले में OBC याचिकाओं पर भूमिका

    मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए 31 जनवरी 2026 की की डेडलाइन तय कर दी है। ऐसे में जब राज्य में चुनावी सरगर्मियां बढ़ रही हैं तब मराठा आरक्षण और ओबीसी की नाराजगी का मुद्दा सरकार के लिए चिंता विषय बना हुआ है। यह मुद्दा बॉम्बे हाईकोर्ट भी पहुंचा हुआ है। ओबीसी समाज की तरफ सरकार के उस फैसले को चुनौती दी गई है। जिसमें राज्य सरकार ने मराठा समाज के लोगों के हैदराबाद गैजेट के आधार पर कुणबी सर्टिफिकेट देने की बात कही है। सोमवार को जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस संदेश पाटिल की बेंच ने ओबीसी की पांच याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। दो जजों के पीछे हटने के बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रशेखर इस मामले पर सुनवाई करेंगे। उनके साथ जस्टिस गौतम अखंड भी होंगे।

    किसने दाखिल की हैं ये याचिकाएं?
    हैदराबाद गैजेट पर महाराष्ट्र सरकार के जीआर (शासनादेश) को चुनौती देने वाली ये याचिकाएं ओबीसी संगठनों ने दायर की हैं। इनमें कुणबी सेना, महाराष्ट्र माली समाज महासंघ, अहीर सुवर्णकार समाज संस्था, सदानद मांडलिक और महाराष्ट्र नाभिक महामंडल शामिल हैं। याचिकाओं में दलील दी गई है कि महायुति सरकार का अन्य पिछड़ा वर्ग से मराठा समुदाय को जाति प्रमाण पत्र देने का फैसला भ्रामक और अस्पष्ट है। मराठा समाज के लोगों को कुणबी प्रमाण पत्र देने से पूरी तरह से अराजकता फैलेगी। ओबीसी समाज का आरोप है कि मराठा समुदाय के पात्र सदस्य कुणबी जाति प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद ओबीसी श्रेणी के अंर्तगत आरक्षण का दावा करेंगे। जो उनके अधिकारों पर चोट होगी। सरकार के फैसले पर मंत्री छगन भुजबल भी नाराज हैं।
      
    कौन हैं जस्टिस चंद्रशेखर ?
    25 मई, 1965 के जन्मे जस्टिस चंद्रशेखर पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने हैं। 25 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए उनका नाम भेजा था। चंद्रशेखर ने 5 सितंबर, 2025 को शपथ ली। चंद्रशेखर ने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने एक लंबे अधिवक्ता के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में 3,500 से अधिक मामलों में पैरवी की। उन्हें 2013 में झारखंड हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने इसके कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और जुलाई 2025 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया। चंद्रशेखर ने डीयू के लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है।

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