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    Homeराज्यमध्यप्रदेशखंडवा ने जल संचय में ऐतिहासिक उपलब्धि की हासिल

    खंडवा ने जल संचय में ऐतिहासिक उपलब्धि की हासिल

    भोपाल : जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत “कैच द रेन’’ की “जल संचय, जन भागीदारी” मुहिम से खंडवा जिले ने जल संरक्षण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की राष्ट्रीय रैंकिंग में खंडवा ने 1,29,046 से अधिक जल संरचनाओं के निर्माण और पंजीकरण के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के वर्षा जल संचयन और सामुदायिक सहभागिता के दृष्टिकोण को साकार करती है। इस पहल ने “जहां गिरे, जब गिरे-वर्षा का जल संचित करें” के मंत्र को चरितार्थ किया है। देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने की उपलब्धि से जिले में उत्साह का माहौल है। जनता और जिला प्रशासन जल संरक्षण के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं।

    जिला प्रशासन के प्रयासों से न केवल भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, बल्कि वर्षा जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित कर भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा को मजबूत किया गया है। स्थानीय निवासियों ने गर्व के साथ कहा, “हमारा जिला जल संचय और संरक्षण में देश में अव्वल है। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है। हम प्रशासन के साथ मिलकर हर बूंद को संरक्षित करने के लिए और अधिक प्रयास करेंगे।”

    जिला प्रशासन ने जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप दिया है। खास तौर पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए जिले में व्यापक स्तर पर कार्य हो रहा है। सभी शासकीय भवनों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद यह अभियान शासकीय आवासों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और दो मंजिला आवासीय भवनों तक चरणबद्ध रूप से विस्तारित होगा।

    खण्डवा कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने कहा “रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से हम जल संकट से निपट सकते हैं और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।” उन्होंने जिले की सभी पक्की छतों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने और जनता से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करने की अपील की है।

    इस अभियान को गति देने के लिए विगत दिवस एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों, स्थानीय नागरिकों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की तकनीकी जानकारी, लाभ और स्थापना प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि यह तकनीक भूजल स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ वर्षा जल के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करती है।जिले में निरंतर जल संवाद किए जा रहे हैं।अब नुक्कड़ नाटक,कार्यशालाओं एवं संगोष्ठियों के माध्यम से भी जनता को जागरूक किया जाएगा।गांव-गांव में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से प्रभात फेरी और रंगोली बनाने जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

    जिले की यह उपलब्धि दर्शाती है कि सामूहिक प्रयासों से जल संरक्षण का लक्ष्य संभव है। जल संरक्षण सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की नींव भी रखता है।खंडवा की यह उपलब्धि और जनता-प्रशासन की संयुक्त प्रतिबद्धता पूरे देश के लिए प्रेरणा बन रही है।

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