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    कोरबा में 2 साल के मासूम के लिए ‘काल’ बना चना, गले में फंसा, तड़प-तड़प कर मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

    एक छोटा सा चना किसी की जान ले सकता है. ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता, लेकिन ऐसा हुआ है. छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक दो साल की के मासूम बच्चे की मौत चना खाने की वजह से हो गई. चना खाते समय बच्चे के गले में फंस गया और इलाज के दौरान उसकी जान चली गई. मृतक मासूम की पहचान दिव्यांश कुमार के रूप में हुई है. ये घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के घंंटाघर की बताई जा रही है.

    घटना गुरुवार की है. छोटू कुमार बंसल उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वो कोरबा जिले के घंंटाघर में परिवार के साथ रहा करते हैं. वो गुरुवार को सुबह काम से बाहर गए हुए थे. उनका दो साल का बेटा घर में खेल रहा था. खेलने के दौरान ही मासूम ने घर में रखा चना उठाकर निगल लिया. इसके बाद एकाएक उसके गले में चना फंस गया. गले में चना फंसने के बाद बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी.

    परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

    इससे बच्चा रोने लगा. इस पर बच्चे की मां और चाचा उसको अस्पताल ले गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत उसका इलाज चालू कर दिया, लेकिन डॉक्टर बच्चे को बचा नहीं सके. इलाज के दौरान मासूम की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बच्चे की मौत हुई है.

    गले से होकर फेफड़े में जाकर फंसा चना

    वहीं अस्पताल में पदस्थ एक शिशुरोग विशेषज्ञ ने बताया कि जब परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे तो उसकी हालत बहुत बिगड़ चुकी थी. बच्चे ने चना निगल लिया था. चना बच्चे के गले से होकर फेफड़े में जाकर फंस गया था. डॉक्टरों की टीम ने तुरंत इलाज शुरू किया. बच्चे के फेफड़े में चना फंसने के कारण इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो गई थी. इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. इलाज में कोई भी लापरवाही नहीं बरती गई है.

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