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    महाराष्ट्र का मेगा प्रोजेक्ट: वर्सोवा–बांद्रा सी लिंक की लागत में 6788 करोड़ का इजाफा, क्या बदल जाएगा रूट

    मुंबई: महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) की ओर से बनाए जा रहे वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक ( Versova-Bandra Sea Link ) पर बड़ा अपडेट सामने आया है। इसकी लागत में 6788 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। मछुआरों की मांग के अनुसार, कुछ कनेक्टर्स की लंबाई में बदलाव और वृद्धि की गई है। इसलिए लागत में इजाफा हुआ है। वास्तविक निर्माण लागत में 3900 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

    क्यों हो रहा ये निर्माण?
    पश्चिमी एक्सप्रेसवे पर दबाव कम करने और दक्षिण मुंबई से उत्तर मुंबई तक तेज पहुंच प्रदान करने के लिए एमएसआरडीसी ने इस समुद्री पुल का निर्माण शुरू किया है। वर्तमान में समुद्र में खंभे लगाने का काम मुख्य रूप से चल रहा है। पुल के वर्तमान मूल डिजाइन के अनुसार, जुहू और वर्सोवा जंक्शन पर यातायात की भीड़भाड़ की संभावना है। इसलिए स्थानीय मछुआरों ने इसमें बदलाव और वृद्धि की मांग की थी।

    वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक के रूट में बदलाव
    वहीं, हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की एक टीम की ओर से पुल का भौतिक निरीक्षण किया गया। इसमें इस पुल से जुड़ने वाले सभी जंक्शनों पर यातायात की भीड़भाड़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए मार्ग परिवर्तन का सुझाव दिया गया है। साथ ही पुल के जुहू और वर्सोवा कनेक्टर को वेस्टर्न एक्सप्रेसवे से जोड़ने की जरूरत भी सामने आई है। इसके लिए इस पुल से जुड़े अहम बदलाव किए जाएंगे। इसी वजह से लागत में यह बढ़ोतरी हो रही है।

    पुल के दो हिस्सों को किया जाएगा ट्रांसफर
    इस संबंध में एमएसआरडीसी ने महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) को आवेदन दिया था। इसके अनुसार, इस पुल के दो हिस्सों को ट्रांसफर किया जाएगा और एक हिस्से की लंबाई 100 से बढ़ाकर 110 मीटर की जाएगी। जुहू कनेक्टर की लंबाई 3.54 किलोमीटर से बढ़ाकर 4.45 किलोमीटर की जाएगी। इससे पुल में 120 मीटर लंबे दो अतिरिक्त हिस्से जोड़ने पड़ेंगे। साथ ही, समुद्र की ओर पानी के ठहराव को रोकने के लिए जुहू कनेक्टर पर खंभों की जगह केबल-आधारित पुल बनाया जाएगा।

    वर्सोवा कनेक्टर की लंबाई कितनी?
    वर्सोवा कनेक्टर की लंबाई 2.72 किलोमीटर से बढ़ाकर 4.29 किलोमीटर की जाएगी। इस कनेक्टर पर वेस्टर्न एक्सप्रेसवे की ओर जाने वाली सड़क पर एक अतिरिक्त केबल-आधारित पुल बनाना होगा। इसके अलावा चारों टोल प्लाजा के डिज़ाइन में भी बदलाव किया जाएगा। लागत में वृद्धि का यही कारण है, जैसा कि एमएसआरडीसी द्वारा एमसीजेडएमए में दायर आवेदन और इस संबंध में हाल ही में हुई सुनवाई में सामने आया है।

    एमएसआरडीसी के आवेदन को मंजूरी
    एमसीजेडएमए ने पुल में बदलाव के संबंध में एमएसआरडीसी के आवेदन को मंजूरी दे दी है। इसके बाद परियोजना को आगे की मंजूरी के लिए राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को भेजने की सिफारिश की गई है।

    परियोजना का क्या स्टेटस?
    इस परियोजना में भारी देरी हुई है और लागत में भी बढ़ोतरी हुई है। मूल रूप से अनुमानित 11,332.82 करोड़ रुपये का बजट अब 18,120.96 करोड़ रुपये है। जो 6,788.14 करोड़ रुपये की वृद्धि है। राज्य के अधिकारियों के अनुसार, 2025 के मध्य तक लगभग 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। सरकार ने इस लिंक को दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस खंड को दहिसर और भयंदर से जोड़ने वाले उत्तर की ओर विस्तार कार्य अगले दो से तीन सालों में पूरा किया जाना है।

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