Bihar : खाना खाते ही अचानक स्कूल में अफरातफरी का माहौल हो गया। बच्चों के पेट में दर्द के साथ-साथ उल्टी होने लगी। बच्चों ने विद्यालय के शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि भोजन में कीड़ा देखने के बाद भी हमलोगों को जबरन यह भोजन खिलाया गया।
सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत महम्मदगंज पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय शंकरपट्टी में शनिवार को मध्याह्न भोजन खाने से आठ दर्जन से अधिक बच्चे बीमार पड़ गए। शाम 07 बजे तक इनमें से आठ दर्जन बच्चों को अकेले सीएचसी छातापुर में भर्ती कराया गया है। वही कुछ बच्चों का इलाज निजी क्लीनिक में चल रहा है। बताया जा रहा है कि विद्यालय में नामांकित 348 में से कुल 148 बच्चे शनिवार को विद्यालय में उपस्थित थे। इनमें से 100 से अधिक बच्चों ने एमडीएम खाया था। लेकिन भोजन के कुछ देर बाद ही पहले 15 से 20 बच्चों में पेट दर्द और उल्टी की शिकायत सामने आई। जिसके बाद विद्यालय में अफरातफरी का माहौल बन गया। हालांकि विद्यालय प्रधान और ग्रामीणों के सहयोग से बच्चों को इलाज के लिए सीएचसी ले जाया गया। इस बीच बीमार बच्चों की तादाद बढ़ने लगी और देर शाम तक आंकड़ा आठ दर्जन को पार कर चुका था। जिसकी वजह से विद्यालय और अस्पताल में ग्रामीणों की भीड़ भी बढ़ती चली गई। इधर, सूचना के करीब एक घंटे बाद राजेश्वरी थाना की पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस की गाड़ियों से कुछ छात्रों को अस्पताल पहुंचाया गया। बच्चों के लगातार बीमार पड़ने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
खाना खाने के बाद ही होने लगा पेट दर्द
अभिभावकों ने बताया कि मध्याह्न भोजन में परोसी गई खिचड़ी खाने के कुछ देर बाद ही छात्रों को पेट दर्द और उल्टी होने लगी। वही इस दौरान कई छात्र बेहोश हो गए। इस घटना के बाद कुछ अभिभावकों ने बच्चों को आनन-फानन में निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया। वही प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को निजी वाहनों से अस्पताल भेजा गया और उसके एक घंटे बाद एक एम्बुलेंस पहुंची। शाम तक बीमार बच्चों के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला जारी था। वही देर शाम रसोईया संतोलिया देवी को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मालूम हो कि इससे पहले शुक्रवार को बसंतपुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय रानीगंज में भी मध्याह्न भोजन खाने से करीब 35 छात्र-छात्राएं बीमार हो गए थे।
सड़े हुए चावल का हो रहा था एमडीएम में प्रयोग
घटना के बाद अभिभावकों में भारी आक्रोश है। वही किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को देखते हुए स्कूल परिसर में देर शाम तक पुलिस बल तैनात दिखी। इधर, अभिभावकों ने इस घटना के लिए विद्यालय प्रबंधन को जिम्मेवार ठहराया है। ग्रामीणों का आरोप है कि सड़े हुए चावल से खिचड़ी बनाई गई थी। छात्रों ने बताया कि खिचड़ी में बड़ी संख्या में पीलू थे, जिसे देखकर कई बच्चों ने खाना नहीं खाया और घर चले गए। वही कुछ बच्चों ने आरोप लगाया कि खाने से इनकार करने पर शिक्षकों ने डांट-फटकार की और जबरन खाना खिलाया।
स्टोर रूम खोलने से हिचक रहे थे प्रधान, खुलने के बाद ग्रामीणों का हंगामा
शनिवार को एमडीएम खाने के बाद जब बीमार बच्चों की तादाद बढ़ने लगी तो आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय के स्टोर रूम को खुलवाया। जहां रखे चावल में कीड़े की तादाद काफी ज्यादा थी। हालांकि इससे पहले विद्यालय प्रधान हरिश्चंद्र ततमा स्टोर रूम खोलने के लिए तैयार नहीं थे। लिहाजा अंदर के हालात देखने के बाद अभिभावकों ने हंगामा शुरु कर दिया। बाद में राजेश्वरी थाने की पुलिस ने हंगामा शांत कराया। इधर, घटना की सूचना पर बीडीओ डॉ राकेश कुमार गुप्ता और सीओ राकेश कुमार ने सीएचसी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। सीएचसी प्रभारी डॉ नवीन कुमार सिंह ने बताया कि 80 से अधिक बच्चे अस्पताल पहुंचे हैं और सभी का इलाज चल रहा है। सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।