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    Homeराज्यछत्तीसगढ़300 से अधिक होटल-क्लब बिना परमिशन आयोजित कर रहे पार्टियां

    300 से अधिक होटल-क्लब बिना परमिशन आयोजित कर रहे पार्टियां

    Raipur: राजधानी रायपुर में युवाओं को भटकाने के लिए अश्लील और ड्रग्स पार्टी आयोजित करने का बड़ा खेल सामने आया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। जांच में खुलासा हुआ कि कथित न्यूड पार्टी में शामिल होने के लिए 30 युवक-युवतियों की एंट्री हो चुकी थी।

    सोशल मीडिया बना प्रचार का जरिया

    आयोजक इंस्टाग्राम पर ऑफर वाले मैसेज वायरल कर युवाओं को जोड़ रहे थे। जैसे ही 100 से ज्यादा लोग तैयार हो जाते, उसके बाद पार्टी के लिए स्थान तय किया जाता। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, अभी तक पार्टी में शामिल होने वाले किसी भी प्रतिभागी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

    एंट्री फीस 5 हजार से 1 लाख तक

    सूत्रों के अनुसार, मंदिरहसौद के एक बड़े होटल में यह पार्टी आयोजित की जानी थी। इसमें एंट्री शुल्क 5 हजार से 1 लाख रुपए तक तय किया गया था। आयोजक अजय महापात्रा को मुख्य सरगना माना जा रहा है। वहीं, 110 युवाओं ने स्ट्रेंजर हाउस-पूल पार्टी में शामिल होने की सहमति भी दे दी थी।

    पुलिस का छापा, कई गिरफ्तार

    पुलिस ने हाइपर क्लब में छापा मारकर इवेंट ऑर्गेनाइजर संतोष जेवानी, अजय महापात्रा, एसएस फार्महाउस संचालक संतोष गुप्ता, प्रमोटर अवनीश गंगवानी और क्लब संचालक जेम्स बेक सहित 7 लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों पर स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम, आईटी एक्ट की धारा 67 और बीएनएस की धारा 79 के तहत केस दर्ज कर जेल भेजा गया है।

    पुलिस की निगरानी व्यवस्था पर सवाल

    यह पूरा नेटवर्क सोशल मीडिया पर सक्रिय था, लेकिन पुलिस का निगरानी सेल इन गतिविधियों को पकड़ने में नाकाम रहा। पिछले दो साल से अश्लील और ड्रग्स पार्टियों के प्रचार खुलेआम चल रहे हैं, मगर समय रहते कार्रवाई नहीं हो पाई।

    पहले भी हो चुकी हैं कई पार्टियां

    सूत्र बताते हैं कि तेलीबांधा, मंदिरहसौद और विधानसभा इलाके के बड़े होटल व फार्महाउसों में पहले भी इस तरह की कई अश्लील पार्टियां हो चुकी हैं। 300 से अधिक होटल और रेस्टोरेंट बिना परमिशन के पार्टियां आयोजित कर रहे हैं।

    सिर्फ खानापूर्ति की कार्रवाई का आरोप

    छत्तीसगढ़ राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीस गांधी ने आरोप लगाया है कि पुलिस की कार्रवाई केवल खानापूर्ति है। उनके मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोग मोहरे हैं, जबकि असली कर्ताधर्ता अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

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