जयपुर, 30 जून। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुरूप मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा महिला, युवा, मजदूर और किसान के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। इसी प्रतिबद्धता पर आगे बढ़ते हुए श्री शर्मा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़े (24 जून से 9 जुलाई) की पहल की है जिसके माध्यम से गांव-ढाणी में अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति के लंबित कार्यों के निष्पादन के साथ ही उनके लिए लोककल्याणकारी योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। इस पखवाड़े के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों से ‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ के संकल्प की सिद्धि का मार्ग तेजी से प्रशस्त हो रहा है।
श्री शर्मा ने जयपुर जिले की दूदू तहसील स्थित बिचून ग्राम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय संबल पखवाड़े का शुभारंभ किया। इस पखवाड़े का नामकरण महान विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर किया गया जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित किया। प्रदेश के हर गांव और हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाना इस पखवाड़े का मूलमंत्र है। यह पखवाड़ा विकास के उजियारे को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है और अब तक (29 जून) के आंकड़े इसकी सफलता की कहानी को दर्शाते हैं।
सहमति विभाजन के 8 हजार 531, रास्तों के 9 हजार 96 प्रकरण निस्तारित—
ग्रामीण क्षेत्रों की प्रमुख समस्या राजस्व से संबंधित रहती हैं। इन समस्याओं के निष्पादन से किसान, मजदूर और जरूरतमंद व्यक्ति को व्यापक स्तर पर राहत पहुंचायी जा सकती है। इसके दृष्टिगत पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित शिविरों में राजस्व संबंधी प्रमुख प्रकरणों के निष्पादन का कार्य तत्परता से किया जा रहा है। अब तक की प्रगति के अनुसार पखवाड़े में सीमाज्ञान के 18 हजार 15, नामांतरण के 43 हजार 120, सहमति विभाजन के 8 हजार 531 और रास्तों के 9 हजार 96 प्रकरणों को निस्तारण करते हुए बड़ी संख्या में ग्रामीणों को लाभ पहुंचाया गया है। वहीं, इसके अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग ने विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़ने के कुल 53 हजार 202 आवेदन प्राप्त किए गए हैं और पंचायती राज विभाग ने 52 हजार 183 स्वामित्व पट्टों का वितरण किया है।
सुगम जलापूर्ति हो रही सुनिश्चित, 15 हजार से अधिक नल कनेक्शन जारी—
प्रदेश के सभी अंचलों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है। इसी क्रम में पखवाड़े के अंतर्गत विद्युत सुदृढ़ीकरण सहित मरम्मत कार्यों को गति दी जा रही है। अब तक 13 हजार 684 झूलते तारों को खिचवाने और 10 हजार 195 विद्युत पोल सही करने का कार्य किया गया है। इस अवधि में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 15 हजार 722 लंबित नल कनेक्शन जारी किए गए हैं जिससे उपभोक्ता को सुगम जलापूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी। वहीं, 5 हजार 356 पानी की टंकियों की सफाई और 11 हजार 668 लीकेज की मरम्मत भी की गई है।
68 लाख से अधिक पौधे वितरित, एनएफएसए के अंतर्गत
54 हजार 711 आवेदनों का निस्तारण—
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार ने ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान चलाया है। इस अभियान का प्रमुख ध्येय प्रदेश में ग्रीन कवर बढ़ाना है। इसी कड़ी में पखवाड़े के अंतर्गत नर्सरियों से आमजन को 68 लाख 67 हजार 138 पौधों का वितरण किया गया है। वहीं, ‘हरियालो राजस्थान’ के अंतर्गत 38 लाख 45 लाख 483 पौधों का रोपण किया गया है। इस दौरान खाद्य विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत 54 हजार 711 आवेदनों का निस्तारण किया है। खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 4 लाख 70 हजार 713 परिवार एवं सदस्यों की आधार सीडिंग के साथ ही 5 लाख 8 हजार 173 की ई-केवाईसी भी की गई है।
गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से ग्रामीण हो रहे लाभान्वित
आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं एवं सेवाएं सुनिश्चित करने के क्रम में भी यह पखवाड़ा उपयोगी साबित हो रहा है। इसमें 2 हजार 998 यूडीआईडी कार्ड जारी करने के साथ ही 28 हजार 115 व्यक्तियों को प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) में पंजीकृत कर उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। साथ ही, पखवाड़े के दौरान लम्पी रोग प्रतिरोधक, गलघोंटू और लंगड़ा बुखार रोकथाम के लिए 7 लाख 11 हजार 758 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। इस अवधि में 1 लाख 95 हजार 653 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। साथ ही, उच्च शिक्षा विभाग ने 3 हजार 631 स्कूटी वितरित की हैं। पखवाड़े में सामाजिक सुरक्षा का लाभ सुनिश्चित करने के लिए 67 हजार 724 पेंशनर्स का सत्यापन भी किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री शर्मा के मार्गदर्शन में 9 जुलाई तक संचालित हो रहे इस पखवाड़े के माध्यम से विकास की रोशनी को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने का संकल्प पूरा हो रहा है। पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित शिविर अंतिम व्यक्ति के सशक्तीकरण का प्रतीक बन रहे हैं। गरीब और वंचित वर्ग के वर्षों से अटके कार्यों को पूरा करना, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना, और उनके जीवन में स्थायी बदलाव लाने के व्यापक कार्य सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति विकास की मुख्यधारा से छूट न जाए।