पीएम मोदी को जी7 का न्योता नहीं मिलने से उठे सवाल, क्या भारत-कनाडा संबंध हो गए खत्म 

नई दिल्ली। इस साल कनाडा में 15-17 जून को होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता नहीं भेजा गया है। इससे भारत-कनाडा के संबंधों में जारी तनाव एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यदि ऐसा ही रहा तो यह पहला मौका होगा जब पीएम मोदी 6 साल में पहली बार जी7 सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे, जबकि वह 2019 से लगातार इसमें भाग लेते आए हैं। 
गौरतलब है कि सितंबर 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका है। निज्जर की जून 2023 में कनाडा के सरे शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भारत ने इन आरोपों को बेतुका और निराधार बताया। इसके बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में तीखा टकराव हुआ, और एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित किया गया। 

कनाडा में सरकार बदली, पर हालात नहीं
अप्रैल 2025 में कनाडा में चुनाव हुए और मार्क कार्नी की सरकार बनी। इससे संबंधों में सुधार की कुछ उम्मीदें जगी थीं। विदेश मंत्री अनीता आनंद और एस. जयशंकर के बीच फोन पर बातचीत भी हुई, लेकिन व्यावहारिक स्तर पर रिश्ते पटरी पर लौटते नहीं दिख रहे हैं। 

खालिस्तान मुद्दा बना सबसे बड़ा अवरोधक
भारत की प्रमुख चिंता है कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी तत्व और उनका खुलेआम समर्थन। रिपोर्ट्स के अनुसार, कनाडा की नई सरकार पर खालिस्तान समर्थकों ने दबाव डाला कि पीएम मोदी को जी7 सम्मेलन के लिए निमंत्रण न भेजा जाए। यह वही मुद्दा है जो भारत की किसी भी उच्च स्तरीय बातचीत या यात्रा को अवरुद्ध करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here