अलवर. हानि लाभ जीवन मरण, जस अपजस विधि हाथ। अर्थात जो विधि ने निर्धारित किया वह होकर रहेगा। विधि के लिखे को कोई नहीं बदल सकता। ऐसा ही कुछ नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के पीएसओ सुरेंद्र सिंंह के साथ हुआ। अलवर से जयपुर जाते समय दौसा के पास नेता प्रतिपक्ष की गाडी का हुए एक्सीटेंड में सुरेंद्र को हल्की चोट आई लेकिन अगले दिन जयपुर में हुए सडक हादसे में उनकी जान चली गई।
अलवर की मालाखेडा तहसील के बंदीपुरा गांव के पुलिस कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह 2022 से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के पीएसओ लगे हुए थे। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अगले दिन 5 जून को वे जूली के साथ कार से जयपुर जा रहे थे। रात करीब सवा दस बजे दौसा के भंडारेज के पास कार से नीलगाय टकरा गई। हादसे में जूली के हाथ में फ्रेक्चर हो गया जबकि सुरेंद्र को कान के पास हल्की चोट आई। 6 जून को सुरेंद्र सिंह जूली के बंगले पर तैनात गार्ड सुनील को साथ लेकर स्कूटी से डॉक्टर को दिखाने गए। वापस लौटते समय एक अन्य वाहन ने स्कूटी को टक्कर मार दी। हादसे में सिर में चोट लगने से सुरेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। एक हादसे में बचे पीएसओ सुरेंद्र सिंह आखिरकार दूसरे हादसे में मौत के आगे हार गए। सुरेंद्र सिंह की 8 जून को अस्पताल में मौत हो गई।
पीएसओ की मौत पर फूट—फूट कर रोए नेता प्रतिपक्ष
पीएसओ सुरेंद्र सिंह की मौत पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने फूट फूट कर रोए। बंदीपुरा गांव में सुरेंद्र की अंत्येष्ठि के दौरान श्रध्दांजलि देने पहुंचे टीकाराम जूली भावुक हो गए। अपने पीएसओ की पुष्प अर्पित करने के बाद वे फूट—फूट कर रोए।