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    गर्भवती की जिंदगी से खिलवाड़, नकली डॉक्टर के इलाज से गर्भस्थ शिशु की मौत, विरोध के बाद अस्पताल बंद

    उज्जैनः एक बार फिर फर्जी महिला डॉक्टर के इलाज ने एक परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। मक्सी रोड पर एक मेडिकल स्टोर के नाम पर चल रहे अवैध क्लिनिक में गर्भवती महिला के शिशु की इलाज के दौरान मौत हो गई। मामले की शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) अशोक कुमार पटेल ने तुरंत क्लिनिक को सील कर दिया। दरअसल, चिंतामण जवासिया निवासी लखन मालवीय की पत्नी काजल (24) छह महीने की गर्भवती थीं। शुक्रवार की शाम उसे अचानक से लेबर पेन शुरू हो गया। पत्नी को लेकर पति पहले सरकारी अस्पताल पहुंचा। यहां डॉक्टर नहीं आई थी। वहां, मौजूद आशा कार्यकर्ता ने डॉ तय्यैबा के हॉस्पिटल का पता बता दिया। आरोप है कि वहां जाने पर डॉ शेख ने बिना पूरी जांच किए कहा कि शिशु के हाथ-पैर नहीं बने हैं। इतना कह उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया।

    दूसरे हॉस्पिटल में नॉर्मल हुई डिलीवरी
    परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान खून चढ़ाने से काजल की हालत बिगड़ गई। प्रेग्नेंट की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने छुट्टी मांगी। तब हॉस्पिटल वालों ने उन्हें धमकाया कि ऐसा करने पर उनकी जान को खतरा हो सकता है। हालांकि परिजन किसी तरह छुट्टी कराकर गर्भवती को तीन बत्ती चौराहा स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने महिला की सामान्य डिलीवरी कराई। हालांकि बच्चा मृत था। वहां के डॉक्टरों ने बताया कि शिशु के हाथ-पैर पूरी तरह विकसित थे।

    सीएमएचओ के खिलाफ प्रदर्शन
    इस घटना से आक्रोशित होकर परिजन शायकीय माधव नगर अस्पताल पहुंचे। यहां सीएमएचओ महेश मालवीय के कार्यालय के बाहर खड़े होकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित परिजनों का आरोप था कि डॉ तैय्यबा का जब पहले भी हॉस्पिटल सील किया जा चुका था तो वह इलाज कैसे कर रही थी। उनका कहना था कि डॉ की लापरवाही से उनके बच्चे की मौत हुई है।

    विरोध का बाद हॉस्पिटल सील
    परिजनों के हंगामे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए डॉ तैय्यबा के आशीर्वाद हॉस्पिटल को भी सील कर दिया है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब हॉस्पिटल को सील किया गया है। पहले भी सदावल निवासी संजू मालवीय की पत्नी की डिलीवरी में शिशु की मौत हो गई थी। इस पर डॉ शेख के क्लिनिक को सील किया गया था, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं की। इसके बावजूद डॉ शेख ने फिर से अवैध क्लिनिक खोला। अब स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर उनका क्लिनिक सील कर दिया है।

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