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    कैदी नंबर 15528 बना प्रज्वल रेवन्ना, जेल में पहली रात रही मुश्किलों भरी

    बंगलुरू: कैदी नंबर 15528. जी हां, कभी कर्नाटक की सियासत में सितारे सरीखे रहे प्रज्वल रेवन्ना की नई पहचान अब यही है। घरेलू सहायिका से बलात्कार के मामले में दोहरे आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद उन्हें परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया। शनिवार की रात से उनकी नई जिंदगी सलाखों के पीछे शुरू हो चुकी है। अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा के साथ 11.50 लाख रुपए जुर्माने का आदेश भी दिया है। इसमें से 11.25 लाख रुपए पीडि़ता को दिए जाएंगे। इस मामले की जांच कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने की थी। प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ। अदालत ने उन्हें दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

    इसके अलावा अन्य धाराओं में अलग-अलग कारावास और कुल 11.50 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। इसके साथ ही आईपीसी की धारा 354ए के तहत 3 साल का कठोर कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना, धारा 354बी के तहत 7 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 354सी के तहत 3 साल का कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। अदालत का फैसला सुनने के बाद जैसे ही प्रज्वल रेवन्ना जेल पहुंचे, उनकी पहचान बदल गई। अब वह कोई सियासी चेहरा नहीं, बल्कि कैदी संख्या 15528 हैं। उन्हें अपराधी बैरक में शिफ्ट कर सफेद वर्दी दी गई। अब उन्हें जेल की तय दिनचर्या का हिस्सा बनना होगा।

    आंखों में आंसू, माथे पर सिकन

    आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद शनिवार को प्रज्वल ने जेल में अपनी पहली रात बिताई। जेल सूत्रों के अनुसार, वह बेहद परेशान और भावुक दिखे। कई बार उनकी आंखों में आंसू देखे गए। मेडिकल जांच के दौरान भी उन्होंने डॉक्टरों के सामने अपना दर्द व्यक्त किया। फिलहाल उन्हें हाई सिक्योरिटी वाले कमरे में रखा गया है और चारों ओर कड़ी सुरक्षा तैनात है। जेल प्रशासन ने साफ किया है कि प्रज्वल को किसी तरह की विशेष सुविधा नहीं मिलेगी, उन्हें बाकी कैदियों की तरह ही जेल नियमों का पालन करना होगा।

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