जयपुर. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत सभी घरों को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए प्रतिदिन के कार्याें का निर्धारण करते हुए अधिक से अधिक घरेलू नल कनेक्शन की गति को बढ़ाया जाए ताकि राजस्थान जल जीवन मिशन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सके। शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जल जीवन मिशन में अनियमितता हुई है। जिससे इस योजना को लेकर आमजन के बीच भ्रांतियां बन गई हैं। इसके लिए दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीति बनाकर कार्य पूरे किए जाएं।
पानी के स्रोत का निर्धारण महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना में आगे किए जाने वाले कार्यों में पानी का स्रोत पहले पता किया जाए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि पानी के स्रोत की व्यवस्था किस प्रकार की जाती है। इसलिए ईआरसीपी, ताजेवाला हैड, आईजीएनपी या भूजल आदि पर ध्यान केन्द्रित करते हुए पानी के स्रोत का निर्धारण किया जाए। साथ ही, पुराने कार्यों की समीक्षा की जाए और गड़बड़ी वाले कार्यों को चिन्हित करते हुए सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि पानी की टंकियों में वाटर सप्लाई की स्थिति की सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में खोदी गई सड़कों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए।
20 जून तक करें तैयार बीएसआर-2024 पॉलिसी
पाइप पॉलिसी, ओएंडएम पॉलिसी 20 जून तक तैयार कर ली जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि बीएसआर में भी आवश्यकता के अनुरूप परिवर्तन कर संशोधित पॉलिसी जारी की जाए। टेण्डर प्रक्रिया में पूर्ण रूप से पारदर्शिता एवं अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने काम की गुणवत्ता के आधार पर संवेदकों को नियमित रूप से भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जारी नल कनेक्शन के प्रमाणन की प्रक्रिया को तेज करने एवं जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने शिकायतों के समाधान के लिए सुदृढ़ प्रणाली विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी आधारित विद्युत आपूर्ति व्यवस्था का अधिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
बैठक में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (जल संसाधन) अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता, शासन सचिव (जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी) डॉ. समित शर्मा सहित मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।