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    सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम, निवेशकों में डर बढ़ा; टैरिफ समय-सीमा का असर

    व्यापार: भारतीय निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ के बढ़ते दबाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। इस वजह से मंगलवार को घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा गिर गया, जबकि निफ्टी 24,900 के स्तर से नीचे फिसल गया। यह वैश्विक जोखिम-रहित संकेतों की ओर इशारा करता है। यह गिरावट अमेरिका की ओर से बुधवार से भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने की योजना का मसौदा नोटिस जारी करने के बाद आई है। इससे टैरिफ का बोझ दोगुना होकर 50% हो जाएगा। ट्रंप का यह बेतुका कदम यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की ओर से रूसी तेल की निरंतर खरीद के बाद उठाया गया है। फिलहाल भारत पर अमेरिका ने 25 फीसदी टैरिफ लगा रखा है।

    बाजार का हाल
    अमेरिका की ओर से भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू करने के संबंध में मसौदा अधिसूचना जारी करने के बाद मंगलवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा विदेशी पूंजी की लगातार निकासी और एशियाई बाजारों में कमजोरी के रुख ने भी बाजार की धारणा को कमजोर किया। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 606.97 अंक या 0.74 फीसदी गिरकर 81,028.94 पर आ गया। 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 182.25 अंक या 0.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,785.50 पर आ गया।

    किसे फायदा-किसे नुकसान?
    सेंसेक्स की कंपनियों में सन फार्मास्युटिकल, टाटा स्टील, अदानी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक, एनटीपीसी और टाटा मोटर्स के शेयर लाल निशान पर दिखाई दिए। इसके उलट हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को ही फायदा होता दिखाई दिया। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,466.24 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
     
    25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू करने का मसौदा आदेश जारी
    सोमवार को अमेरिका ने भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू करने का एक मसौदा आदेश जारी किया, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही कर दी थी। यह टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। नोटिस में बताया गया है कि ये उच्च शुल्क रूसी संघ की सरकार द्वारा अमेरिका को दी जा रही धमकियों से जुड़े हैं और इसी रणनीति के तहत भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है।

    क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
    मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, 'भारतीय बाजारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि क्या निफ्टी 27 अगस्त से लागू होने वाले 50 प्रतिशत टैरिफ के आसपास की चिंता की दीवार को पार कर पाएगा, जिससे अमेरिका को भारत के लगभग 86.5 अरब डॉलर के निर्यात के व्यावसायिक रूप से अव्यवहारिक होने का खतरा है।' इसके अलावा तापसे ने कहा कि आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आश्वासन दिया है कि अगर अमेरिकी टैरिफ घरेलू विकास को प्रभावित करते हैं तो नीतिगत कार्रवाई की जाएगी।

    जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, 'नतीजतन, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार बिकवाली कर रहे हैं, लेकिन भारी डीआईआई (घरेलू संस्थागत निवेशक) खरीदारी, जिसने एफआईआई की बिकवाली को पूरी तरह से दबा दिया है, तेज चुनौतियों के बीच भी बाजार को सहारा दे रही है। चूंकि बाजार के लचीलेपन का मुख्य कारण तरलता है और तरलता प्रवाह जारी रहने की संभावना है, इसलिए बाजार में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है और उच्च मूल्यांकन जारी रह सकता है।

    एशियाई और अमेरिकी बाजारों का हाल 
    एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 225 सूचकांक, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे, जबकि शंघाई का एसएसई कंपोजिट सूचकांक सकारात्मक क्षेत्र में था। सोमवार को रात भर के सौदों में अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 68.47 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

    बीते दिन का हाल
    इससे पहले बीते दिन यानी सोमवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 329.06 अंक चढ़कर 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 97.65 अंक बढ़कर 24,967.75 पर बंद हुआ था।

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