आखिर किस बात पर लड़के को करनी होगी 7 दिन मंदिर की सफाई? न्याय परिषद का चौंकाने वाला आदेश

बिहार के गोपालगंज की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक बच्चे को एक अनोखी सजा सुनाई, जहां नाबालिग को सुधरने का एक मौका दिया और उसे जेल नहीं भेजा, बल्कि सजा के तौर पर थावे मंदिर में एक हफ्ते तक सफाई करने के लिए कहा. दरअसल किशोर न्यायिक बोर्ड के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate) ने ऐसा फैसला नाबालिग बच्चों को आपराधिक मानसिकता से बचाने के लिए लिया.

मजिस्ट्रेट का मानना है कि किशोरों को सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए, जिससे की जुर्म के रास्ते पर न चलें. उन्होंने हाल ही में शराब तस्करी में शामिल एक नाबालिग आरोपी को सुधरने के लिए लिए मौका दिया और सात दिन तक मंदिर में सफाई करने का फैसला सुनाया. क्योंकि किशोर ने तस्करी में पकड़े जाने के बाद अपना जुर्म कबूल कर लिया था और कहा था कि तस्करों ने उसे पैसों का लालच दिया था.

मजिस्ट्रेट ने सुधरने का दिया मौका

किशोर पिछले साल उत्तर प्रदेश से शराब की तस्करी करने के आरोप में पकड़ा गया था. उसके साथ एक और तस्कर था, जिसे जेल भेज दिया गया था. लेकिन ये नाबालिग था. इसलिए इसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में दर्ज कराया गया था, जिसके बाद इस मामले में केस चला. पुलिस और दूसरे पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं, जिन्हें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने अपना फैसला सुनाया और किशोर को सुधरने का एक चांस दिया, जिसके बाद किशोर ने भी सुधरने की शपथ ली और दोबारा कोई गलत काम न करने की बात कही.

मंदिर में साफ-सफाई का काम

किशोर को थावे मंदिर में एक हफ्ते तक सफाई करने का आदेश दिया गया. इस मामले पर थावे मंदिर के पुजारी संजय पांडे ने कहा कि बोर्ड की ओर से एक पत्र के जरिए आदेश की जानकारी दी गई. अब उसी के आधार पर किशोर से मंदिर में साफ-सफाई का काम कराया जाएगा. किशोर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उसने अपनी गलती भी मानी थी. इसलिए उसे सुधार का मौका दिया गया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here