More
    Homeराज्यछत्तीसगढ़भ्रष्टाचार की बुनाई से बुना गया डिप्टी कलेक्टर का ताज, अब CBI...

    भ्रष्टाचार की बुनाई से बुना गया डिप्टी कलेक्टर का ताज, अब CBI की मार

    छत्तीसगढ़ के सीजीपीएससी घोटाला मामले में CBI ने सोमवार को रिटायर्ड आईएएस जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमित, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, टामन की बहू निशा कोसले, दीपा आदिल के खिलाफ 1500 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी. जिसमें कई खुलासे हुए हैं. इसमें पूर्व चेयरमेन टामन सिंह सोनवानी का भतीजा नीतेश और बहू निशा बिना इंटरव्यू दिए डिप्टी कलेक्टर बनने की बात सामने आई है.

    बिना इंटरव्यू दिए डिप्टी कलेक्टर बन गए टामन सोनवानी का भतीजा और बहू
    CGPSC घोटाला मामले में CBI की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जिसमें CGPSC के पूर्व चेयरमेन और रिटायर्ड IAS टामन सिंह सोनवानी का भतीजा नीतेश सोनवानी और बहू निशा कोसले मुख्य इंटरव्यू में शामिल ही नहीं हुए थे. इसके बावजूद दोनों का चयन कर लिया गया. वजह यह कि नीतेश टामन का दत्तक पुत्र है. इंटरव्यू में खुद टामन बैठे थे. रिश्तेदारी का मामला उठने के बाद पति-पत्नी इंटरव्यू देने पहुंचे ही नहीं, फिर भी चयन सूची में दोनों के नाम आ गए. यह खुलासा पीएससी के दस्तावेजों से हुआ है.

    CBI ने पेश किया था 1500 पन्नों की चार्जशीट
    बता दें कि CBI ने छत्तीसगढ़ में लोक सेवा आयोग (CGPSC) की 2021-22 भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए CGPSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पूर्व सचिव व सेवानिवृत्त आईएएस जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आदिल को कुछ दिनों पहले ही गिरफ्तार किया था.

    इसके बाद सोमवार को CBI ने इन सभी पर परीक्षा में धांधली के आरोप लगाते हुए पांचों आरोपियों के खिलाफ करीब 1500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है. जिसे CBI की विशेष कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था.

    क्या है CGPSC घोटाला?
    साल 2020 से 2022 के दौरान डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए हुई CGPSC परीक्षा में टामन सोनवानी के रिश्तेदार समेत कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे. इन्हीं आरोपों के आधार पर CBI ने मामला दर्ज किया था. इस केस की जांच जारी है. इस मामले में CBI की टीम CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

    सीबीआई ने यह मामला (RC1242024A0004) 9 जुलाई 2024 को दर्ज किया था, जो छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 16 फरवरी और 10 अप्रैल 2024 को जारी अधिसूचनाओं के आधार पर हुआ. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और अन्य अधिकारी, 2020 से 2022 के बीच आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में अपने पुत्र, पुत्री और रिश्तेदारों का चयन करवाने में शामिल थे. 2021 भर्ती प्रक्रिया में ही 1,29,206 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक परीक्षा दी, जिनमें से 2,548 मुख्य परीक्षा के लिए चुने गए. इनमें 509 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार चरण पार किया और 170 को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया.

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here