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    बुज़ुर्ग का आक्रोश फूटा, सरकारी कामकाज की देरी से परेशान होकर कमिश्नर ऑफिस में की आगजनी

    भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बुजुर्ग का सिस्टम के खिलाफ गुस्सा फूटा है। गुरुवार को संभागायुक्त कार्यालय में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब एक शख्स ने वहां आग लगा दी। उस समय संभागायुक्त अपने ऑफिस में ही मौजूद थे। आग की खबर से हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया है। इसके बावजूद वेटिंग रूम के सोफे, टेबल, कुर्सियां और परदे जलकर राख हो चुके थे। बुजुर्ग इस बात को लेकर नाराज था कि उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी।

    बुजुर्ग ने गुस्से में लगा दी आग
    जांच में पता चला कि यह आग विदिशा जिले के गंजबासौदा तहसील के सियारी गांव के निवासी रामसिंह अहिरवार (65 वर्ष) ने गुस्से में पेट्रोल छिड़ककर लगाई थी। पुलिस ने उन्हें मौके से हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी है। चारों से काट रहा है चक्कर
      
    वहीं, रामसिंह ने अपनी पूछताछ के दौरान बताया कि उनकी मां शक्करिया के नाम पर मिला भूमि पट्टा 2021 में रद्द कर दिया गया था। उनकी जमीन पर जबरन रास्ता बना दिया गया। पिछले चार सालों से वे तहसील, एसपी और कलेक्टर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि मैं गरीब हूं, कोर्ट का खर्चा नहीं उठा सकता। सुबह ही मन बना लिया था कि अगर आज भी काम नहीं बना तो दफ्तर में आग लगा दूंगा। इसलिए पेट्रोल लेकर आया था। इंतजार करते-करते गुस्सा भड़क गया और मैंने सोफे पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।

    कमिश्नर से मिलने नहीं दिया
    बुजुर्ग रामसिंह का आरोप है कि उन्हें कमिश्नर से मिलने नहीं दिया गया। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि उनका नंबर तीसरा था, लेकिन वे पहले जाने की जिद करने लगे। जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने गुस्से में बिजली के बॉक्स पर डंडा मार दिया। इसके बाद वे चैंबर में पहुंचे, लेकिन सुनवाई होने से पहले ही आगजनी कर दी। मीडिया से बात करते हुए पुलिस ने कहा कि रामसिंह की जमीन गंजबासौदा के एक गांव में थी, जिस पर उनका पट्टा था। कुछ समय पहले सरकार ने इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। इसी से नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठाया। हम शिकायत की जांच कर कार्रवाई कर रहे हैं।

    बाहर निकलने लगे थे लोग
    घटना के तुरंत बाद वेटिंग रूम धुएं से भर गया। वहां मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते बाहर भागने लगे और पूरा कमिश्नर कार्यालय खाली हो गया। इस भवन में जनसंपर्क विभाग, कृषि विभाग और तहसील कार्यालय भी चलते हैं, जिससे अफरा-तफरी और बढ़ गई।

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