71 किमी लंबे होडल-नूंह -पटौदी मार्ग को फोर लेन करने का रास्ता साफ; उत्तर प्रदेश

नूंह: उत्तर प्रदेश से नूंह-पलवल जिला को जोड़ने वाले प्रमुख होड़ल-नूंह-पटौदी 71 किमी लंबे मार्ग के चौड़ीकरण करने के लिए मार्ग प्रशस्त हो चुका है। मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 616 करोड़ एक लाख रुपये की अनुमानित लागत आएगी। सरकार की तरफ मार्ग के चौड़ीकरण करने के लिए प्रशासनिक अनुमति प्रदान की गई। मार्ग के चौड़ीकरण के कार्य को एचएसआरडीसी(हरियाण स्टेट रोड डिवलोपमेंट कारपोरेशन ) कराएगा। इस मार्ग की चौड़ाई फिलहाल 10 मीटर बताई गई। मार्ग को 10 मीटर से बढ़ाकर 17 मीटर का किया जाएगा। बीच में दो फीट का डिवाइडर बनाकर दोनों तरफ मार्ग को साढ़े आठ मीटर चौड़ा किया जाएगा। मार्ग को फोर लेने किए जाने का प्रविधान है।

उत्तर प्रदेश, पंजाब और चंडीगढ़ जाना हो जाएगा आसान

मार्ग के फोर लेने होने पर उत्तर प्रदेश से हरियाणा व पंजाब तथा चंडीगढ़ के लिए वाहन आने-जाने के लिए शार्टकट रास्ते बनेगा। मार्ग को फोर लेन बनाने का यह प्रपोजल चार वर्ष से विचारधीन चल रहा है। मार्ग को फोर लेन बनाने की तकनीकी स्वीकृति पहले भी प्रदान की जा चुकी है। एचएसआरडीसी की तरफ से फोर लेन की प्रक्रिया पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि होडल-नूंह -पटौदी मार्ग उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से जुड़ता है। इस मार्ग पर उत्तर प्रदेश से वाहनाें की हरियाणा के विभिन्न शहरों, पंजाब , चंडीगढ़ के लिए वाहनों की आवाजाही रहती है। दोनों तरफ से वाहन एक दूसरे राज्य के लिए आते जातें हैं, लेकिन यह मार्ग संकरा होने के कारण यहां पर वाहनों की अक्सर भीड़ रहती है।

तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की इस मार्ग की घोषणा

2022 में सैद्धांतिक रूप से तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मार्ग की घोषणा की थी। उसके बाद मार्ग फोर लेन बनाने की डीपीआर तैयार की गई थी। बनाई गई डीपीआर को पहले मंजूरी प्रदान हो चुकी है। अब मार्ग को लोक निर्माण विभाग के एसीएस की तरफ से मार्ग को फोर लेन बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। बीते 23 जून को एसीएस की तरफ से एचएसआरडीसी के लिए पत्र भी जारी कर दिया गया है। आगे की प्रक्रिया एचएसआरडीसी की तरफ से किया जाएगा।

मार्ग के फोर लेने से क्या होगा फायदा

मार्ग के फोर लेन होने से उत्तर प्रदेश के लिए आने-जाने वाले वाहनों की भीड़ कम होगी। पंजाब, चंडीगढ व हरियाणा के लिए जाने वाले वाहनों को शार्टकट व सुगम रास्ता मिलेगी। जिससे समय की बचत भी होगी। घंटों का सफर तय करने में कम समय लगेगा। नूंह जिले की यातायात सुविधा मजबूत होगी। नूंह जिले को जोड़ने वाला यह प्रमुख मार्ग है।

फोर लेन बनाने में क्या आएंगी अड़चनें

मार्ग को फोर बनाने में वन विभाग की शर्तें अड़चनें पैदा कर सकती है। क्योंकि जितने मार्ग को चौड़ा किया जाएगा, उसकी एवज में वन विभाग का पौधे लगाने के लिए जगह सरकार को उपलब्ध करानी होगी।
केवल नूंह जिले में ही 100 से भी ज्यादा एकड़ जगह वन विभाग का उपलब्ध करानी होगी। यह जगह आसानी से मिल यह कहना अभी मुश्किल ही होगा। एचएसआरडीसी की तरफ से मार्ग के फोर लेन करने के लिए डिटेल एस्टीमेट बनाया जाएगा। जिसमें बिजली पानी की लाइनें भी शामिल होंगी। क्योंकि मार्ग के साथ-साथ बिजली पानी की लाइन भी होती हैं। इसकी प्रक्रिया शुरू होगी। रही बात वन विभाग की भूमि की यह प्रक्रिया से अलग से सरकार के स्तर पर ही शुरू होगी।

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