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    संसद के दोनों सदनों में ऑपरेशन सिंदूर पर 16-16 घंटे होगी बहस, सदन में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार

    नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र में सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे लंबी चर्चा की शुरुआत होगी। इस चर्चा की अगुवाई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोपहर 12 बजे करेंगे। इसके बाद मंगलवार से राज्यसभा में भी ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर 16 घंटे की बहस होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी चर्चा में शामिल होने की संभावना है। संसद में इस महत्वपूर्ण विषय पर सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस चर्चा के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, डिफेंस सेक्रेटरी राजेश कुमार सिंह और तीनों सेना प्रमुखों के साथ कई बैठकें की हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर और निशिकांत दुबे भी शामिल होंगे। सरकार इस चर्चा को पूरी आक्रामकता के साथ रखने की तैयारी में है। खास बात ये है कि ये बहस करगिल विजय दिवस (26 जुलाई) के ठीक बाद हो रही है, और सरकार इसे विजय दिवस की तरह पेश करने की तैयारी में है।
    लोकसभा और राज्यसभा में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर खास बहस से पहले कांग्रेस ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। पार्टी ने रविवार को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े उन तमाम घटनाक्रमों को सामने रखा, जो अब तक चर्चा में थे लेकिन औपचारिक बहस से बाहर रहे। खास बात यह रही कि कांग्रेस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी मुद्दा बनाया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत पर व्यापार रोकने की धमकी देकर ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद कांग्रेस ने तुरंत दो दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने तब कोई सुनवाई नहीं की। रमेश ने कहा कि अभी जो 16 घंटे की बहस लोकसभा में और उसके बाद राज्यसभा में होने जा रही है, वह देर से हो रही है लेकिन अच्छा है कि हो रही है।
    विपक्ष मांग रहा जवाब
    ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर विपक्ष भी सरकार से जवाब मांग रहा है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने इस बहस के लिए समय निर्धारित किया। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वो ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तार से चर्चा के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि सरकार देश के सामने सभी सच्चाई रखने को तैयार है।  जयराम रमेश ने बताया कि 30 मई को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में स्वीकार किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दो दिन रणनीतिक चूकें हुईं। इसके बाद 29 जून को इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अधिकारी ग्रुप कैप्टन शिव कुमार ने संकेत दिया कि राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते ऑपरेशन प्रभावित हुआ और भारतीय वायुसेना को भी नुकसान उठाना पड़ा। जयराम रमेश ने आगे बताया कि चार जुलाई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को चीन से तकनीकी और सामरिक टकराव का सामना करना पड़ा। वहीं, 14 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सार्वजनिक रूप से कहा कि पहलगाम आतंकी हमला सुरक्षा एजेंसियों की विफलता का नतीजा था। और वो इसकी जिम्मेदारी लेते हैं।

    ट्रंप के दावे और अमेरिका-पाक रिश्तों पर सवाल
    कांग्रेस ने ट्रंप के बार-बार किए जा रहे उस दावे को भी मुद्दा बनाया जिसमें वे कहते रहे कि उन्होंने भारत को व्यापारिक धमकी देकर ऑपरेशन सिंदूर रुकवाया। रमेश ने यह भी कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को लंच पर बुलाया, जो अभूतपूर्व है। अमेरिकी कमांड और विदेश मंत्री द्वारा पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी भूमिका की तारीफ पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।

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