झारखंड के अस्पतालों में होगा बड़ा बदलाव

रांची। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा है कि स्वास्थ्य व्यवस्था की मजबूती के लिए संस्थानों को सशक्त करना जरूरी है।

नामकुम के लोक स्वास्थ्य संस्थान सभागार में बुधवार को आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने जोर दिया कि स्वास्थ्य विभाग को तेजी, पारदर्शिता और समन्वय के साथ आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

तेजी का मतलब लापरवाही नहीं, बल्कि आपातकालीन स्वास्थ्य जरूरतों को सुव्यवस्थित ढंग से पूरा करना है। सरकार का लक्ष्य है कि हर सरकारी अस्पताल में इलाज, जांच और दवा की संपूर्ण सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो, ताकि मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़े।

डॉ. अंसारी ने झारखंड के सरकारी अस्पतालों में ऐतिहासिक बदलाव की योजना का खुलासा किया। मरीजों को इलाज के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े, इसके लिए अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, डायलसिस, सीटी स्कैन, एमआरआई और अन्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

उन्होंने निविदा प्रक्रियाओं में देरी पर नाराजगी जताई और साप्ताहिक समीक्षा का निर्देश दिया ताकि, योजनाओं का कार्यान्वयन तेज हो। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं समय पर मिलें।

स्वास्थ्य योजनाओं की गहन समीक्षा

बैठक में डॉ. इरफान अंसारी ने 15वें वित्त आयोग के स्वास्थ्य अनुदान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, गैर-संचारी रोग (एनसीडी) कार्यक्रम, पीएसए प्लांट और सूचना, शिक्षा, संचार (आईईसी) गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी योजनाओं को पारदर्शी और जवाबदेह ढंग से लागू किया जाए। स्वास्थ्य विभाग की प्रगति पर नजर रखने के लिए नियमित मॉनिटरिंग और मूल्यांकन पर जोर दिया गया।

समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक अबु इमरान, प्रमुख स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. चन्द्र किशोर शाही और प्रशासी पदाधिकारी लक्ष्मी नारायण किशोर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

विभिन्न कार्यक्रमों के प्रभारी और परामर्शदाताओं ने भी इसमें हिस्सा लिया। मंत्री ने सभी से समन्वित प्रयासों की अपील की ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और पहुंच बढ़े।

जवाबदेही और पारदर्शिता पर जोर

डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि हेमंत सरकार का लक्ष्य झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को देश में अग्रणी बनाना है। इसके लिए संस्थानों को सशक्त करने के साथ-साथ जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

निविदा प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर नागरिक तक सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना है।

हेमंत सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने को प्रतिबद्ध है। सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस की तर्ज पर स्वास्थ्य संस्थानों को भी उत्कृष्टता का केंद्र बनाया जाएगा।

यह सुनिश्चित किया जाएगा कि झारखंड के लोग न केवल स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करें, बल्कि राज्य बाहरी मरीजों के लिए भी स्वास्थ्य सेवा का केंद्र बने।

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