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    बाथरूम में की ये छोटी-सी गलती बना सकती है बड़ा वास्तु दोष, जानिए कैसे बिगड़ जाती है घर की पॉजिटिव एनर्जी

    आपका घर सिर्फ चार दीवारों और छत का नाम नहीं है, बल्कि यह आपकी ऊर्जा, खुशहाली और स्वास्थ्य का प्रतिबिंब भी है. घर के हर हिस्से का वास्तु से संबंध होता है, और बाथरूम भी इससे अलग नहीं है. अक्सर हम अपने बाथरूम को सिर्फ सुविधा के हिसाब से बनाते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसकी सही जगह, रंग, और सेटअप हमारे जीवन पर असर डाल सकते हैं. गलत दिशा में बने बाथरूम, रिसाव, गंदगी या दर्पण का गलत स्थान नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मानसिक तनाव और वित्तीय नुकसान भी हो सकता है. ज्योतिषाचार्य रवि पराशर कहते हैं कि बाथरूम का सही सेटअप न सिर्फ घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है, बल्कि घर के बाकी हिस्सों में संतुलन और शांति भी बनाए रखता है, अगर आप अपने घर में ताजगी, स्वास्थ्य और खुशहाली चाहते हैं, तो बाथरूम की छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. नीचे हम उन सात आम वास्तु गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे हर घरवाला बचना चाहिए, और साथ ही सही तरीके और सुधार भी सुझाए गए हैं.

    1. बाथरूम का गलत स्थान
    बाथरूम की दिशा बहुत महत्वपूर्ण है. उत्तर-पूर्व, उत्तर, मध्य और दक्षिण-पश्चिम में बाथरूम बनाना टालें, क्योंकि ये दिशाएं घर की सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता से जुड़ी हैं.
    आदर्श दिशा: बाथरूम पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. इससे अपशिष्ट निपटान आसान होता है और घर में ऊर्जा संतुलित रहती है.

    2. गहरे रंगों का प्रयोग न करें
    काले, गहरे नीले या लाल रंग बाथरूम के लिए सही नहीं माने जाते, ये रंग नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकते हैं.
    आदर्श रंग: हल्के, तटस्थ रंग जैसे सफेद, हल्का नीला या पीला. यह घर में ताजगी और सकारात्मक ऊर्जा लाता है.

    3. दर्पण का सही स्थान
    बाथरूम में दर्पण को दरवाजे के सामने न रखें. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है.
    सुझाव: दर्पण को बाथरूम की भीतरी दीवार पर लगाएं. यह सौहार्द और सकारात्मक वातावरण बनाए रखता है.

    4. बाथरूम का दरवाजा
    बाथरूम का दरवाजा हमेशा अंदर की ओर खुलना चाहिए.
    सुझाव: दरवाजा हमेशा बंद रखें. यह नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है और घर में स्वच्छता बनी रहती है.
    5. टॉयलेट सीट की दिशा
    टॉयलेट सीट का मुख कभी भी पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं होना चाहिए.
    आदर्श दिशा: उत्तर या दक्षिण. इससे घर में पवित्रता और स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है.

    6. पानी का रिसाव
    बाथरूम में रिसाव केवल पानी की बर्बादी नहीं, बल्कि वित्तीय नुकसान का कारण भी बन सकता है.
    सुझाव: तुरंत मरम्मत करें और पाइपलाइन की जांच समय-समय पर करें.
    7. अव्यवस्था मुक्त बाथरूम
    बाथरूम में बहुत सामान या कम वेंटिलेशन नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. पोछा, झाड़ू जैसी चीजें खुले में न रखें.
    सुझाव: साफ-सुथरा, वेंटिलेटेड और हल्का सामान रखने वाला बाथरूम सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है.

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