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    राहु-केतु से बचने के लिए नक्षत्र के आधार पर करें 5 उपाय, विवाह की अड़चनें होंगी दूर, संतान सुख भी मिलेगा!

    सनातन धर्म में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है. इसके जरिए मानव जीवन में घटित होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलती है. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, लेकिन इनका प्रभाव मानव जीवन में गहरा होता है. जब कुंडली में ये ग्रह अशुभ स्थान पर होते हैं या राहु-केतु दोष, कालसर्प योग, पितृ दोष आदि बनते हैं, तो जीवन में रुकावटें, मानसिक तनाव, दुर्घटनाएं, कोर्ट केस, रोग, विवाह या संतान की बाधाएं आ सकती हैं. खराब स्थिति में केतु दिमाग को भ्रष्ट कर देता है और लोगों को धोखे का सामना करना पड़ता है, वहीं राहु गलत कार्यों की ओर व्यक्ति को ले जाता है. राहु और केतु के दोष निवारण के लिए आप ज्योतिष उपाय कर सकते हैं.

    नक्षत्र के आधार पर राहु-केतु से बचने के उपाय
    मंत्रों का जाप: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, राहु और केतु की शांति के लिए आपको इनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. राहु के लिए ॐ रां राहवे नम: या ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः मंत्र का जाप कर सकते हैं. वहीं केतु के लिए ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः या ॐ कें केतवे नम: मंत्र का जाप करें. यह मंत्र जाप एक माला यानि 108 बार करना है. इन मंत्रों का जाप शनिवार को करें.

    गणेशजी दूर्वा अर्पित करें: राहु-केतु दोष निवारण के लिए बुधवार को गणेश पूजन और दूर्वा का उपाय करें. हर बुधवार 21 दूर्वा गणेश जी को चढ़ाएं और उस समय ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.

    महामृत्युंजय मंत्र का जाप: भगवान शिव से बढ़कर कुछ भी नहीं है. राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करें. सोमवार को इसकी संख्या बढ़ा सकते हैं.

    इन चीजों का दान: राहु-केतु दोष कम करने के लिए दान करना चाहिए. राहु की शांति के लिए काले तिल, सरसों का तेल, कंबल, लोहे के बर्तन, नारियल, नीले वस्त्र आदि का दान करें. वहीं केतु दोष निवारण के लिए कुत्ते को रोटी, सफेद चना, मोती, धूप, चांदी, नीम की लकड़ी आदि का दान करें. इससे लाभ होगा.
    नाग देवता की पूजा: राहु और केतु के कारण कुंडली में कालसर्प दोष बनता है. इस वजह से नाग देवता की पूजा करें. सोमवार और नाग पंचमी पर काले तिल, दूध, कुश और अक्षत चढ़ाएं. इसके अलावा आप सांप न मारे, उसे तंग न करें. ये कार्य राहु-केतु को नाराज़ कर सकता है

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