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    तालिबान पर दबाव डालेगी सरकार? अफगान महिलाओं के अधिकारों को लेकर बोली प्रियंका चतुर्वेदी

    नई दिल्‍ली। तालिबान(Taliban) के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी (Foreign Minister Amir Khan Muttaqi)की पहली भारत यात्रा(India trip) जारी है। जयशंकर से मुलाकात क बाद मुत्ताकी ने भारत और अफगानिस्तान के संबंधों(India-Afghanistan relations) को और मजबूत बनाने की बात कही। इसके बाद मुत्ताकी ने अफगानिस्तान एम्बेसी में पत्रकारों के साथ सीधी बात भी की, लेकिन इस दौरान महिला पत्रकारों को न बुलाने की खबर ने भी काफी सुर्खियां बटोरी। इसी बीच शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी आमिर की यात्रा को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या केंद्र सरकार अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने के लिए तालिबान के ऊपर दबाव डालेगी।

    एएनआई से बात करते हुए चतुर्वेदी ने कहा, “अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भारत दौरे पर हैं। भारत और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं, जो मुख्य रूप से लोगों के बीच संबंधों पर आधारित हैं। भारत ने हमेशा अपने नागरिकों का समर्थन किया है। हालाँकि, वर्तमान में अफगानिस्तान पर शासन करने वाली सरकार तालिबान है। ये वही लोग हैं जिन्होंने पाकिस्तान के सहयोग से हमारी उड़ान IC 814 का अपहरण किया था… ये तालिबान हैं, जो महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं देते… तो क्या हमारी सरकार उन पर लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के अनुसार महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का दबाव बनाएगी?”

    इससे पहले मीडिया से बात करते बामियान बुद्ध की तस्वीर के सामने बैठकर मीडिया से बात कर रहे मुत्ताकी ने भारत और अफगानिस्तान के संबंधों में पिछले चार सालों में आई तरक्की का भी जिक्र किया। हालांकि मुत्ताकी की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई भी महिला पत्रकार को नहीं बुलाया गया था। मुत्ताकी ने यहां अफगान राजदूतों को भी जल्दी ही भारत भेजने के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता जताई। मुत्तकी ने कहा कि काबुल जल्द ही अपने राजनयिकों को नयी दिल्ली भेजेगा। उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) ने कहा है कि आप अभी नयी दिल्ली में राजनयिक भेज सकते हैं। जब हम वापस जायेंगे, तो हम लोगों का चयन करेंगे और उन्हें भेजेंगे। हम अब राजनयिक भेजेंगे और धीरे-धीरे संपर्क बढ़ेंगे।

    अब तक, भारत में अफगान मिशनों में ऐसे अधिकारी हैं जिनकी नियुक्ति मुख्यतः पिछली अशरफ गनी सरकार द्वारा की गयी थी। इस सवाल पर कि क्या भारत सरकार नयी दिल्ली स्थित अफागान दूतावास परिसर तालिबान शासन को सौंपेगी, तालिबान विदेश मंत्री ने कहा,‘‘यह अफगानिस्तान के पास है; यह हमारा है।’’

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