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    मेघालय के मावसिनराम में बनेगा दुनिया का पहला रेन म्यूज़ियम

    मेघालय के मावसिनराम में ₹25 करोड़ की लागत से बनने जा रहा है विश्व का पहला रेन म्यूज़ियम। यह संग्रहालय बारिश से जुड़ी संस्कृति, जीवनशैली और पर्यटन को नया आयाम देगा।

    मिशनसच न्यूज , मेघालय।
    विश्व के सबसे अधिक वर्षा वाले स्थान के रूप में प्रसिद्ध मावसिनराम अब एक अनोखी पहचान के साथ वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उभरने जा रहा है। मेघालय सरकार ने घोषणा की है कि मावसिनराम में दुनिया का पहला रेन म्यूज़ियम (वर्षा संग्रहालय) बनाया जाएगा।

    यह संग्रहालय केवल एक भवन नहीं, बल्कि बारिश से जुड़ी संस्कृति, जीवनशैली और तकनीक का जीवंत प्रदर्शन होगा। इसकी घोषणा मावसिनराम के विधायक ओलन सिंह सुइन ने की और बताया कि इस परियोजना के लिए ₹25 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कार्य अगले दो वर्षों में पूरा होने की संभावना है।


    मावसिनराम: जहां बारिश एक जीवनशैली है

    मावसिनराम को दुनिया के सबसे अधिक बारिश वाले स्थान के रूप में जाना जाता है, जहां औसतन 12,000 मिलीमीटर से भी अधिक वार्षिक वर्षा होती है। यहां के लोगों का जीवन और उनकी संस्कृति पूरी तरह बारिश से जुड़ी हुई है। चाहे पहनावा हो, आवास हो या दैनिक जीवन की गतिविधियाँ — हर पहलू में वर्षा का प्रभाव साफ देखा जा सकता है।


    म्यूज़ियम की विशेषताएँ

    यह रेन म्यूज़ियम कई मायनों में अद्वितीय होगा:

    • बांस आधारित वास्तुकला: पारंपरिक शैली में, स्थानीय संसाधनों से तैयार किया जाएगा।

    • इंटरएक्टिव प्रदर्शन (Interactive Displays): बच्चों और पर्यटकों के लिए वर्षा से संबंधित विज्ञान, इतिहास और सांस्कृतिक जानकारी को रोचक ढंग से प्रदर्शित किया जाएगा।

    • वर्षा अनुभव केंद्र (Rain Experience Zone): यहाँ आगंतुकों को कृत्रिम रूप से बारिश का अनुभव कराया जाएगा — जैसे बारिश में चलना, बूंदों की ध्वनि और खुशबू महसूस करना।

    • स्थानीय लोगों की जीवनशैली: वीडियो और चित्रों के माध्यम से यह दिखाया जाएगा कि मावसिनराम के निवासी इतनी भीषण बारिश में किस तरह जीवन यापन करते हैं।


    सुरक्षा और सुविधाएँ

    मौजूदा समय में मावसिनराम में CCTV निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन रेन म्यूज़ियम बनने के बाद सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। CCTV कैमरे, पर्यटन सुविधा केंद्र, कैफे, स्मृति-वस्तु केंद्र (Souvenir Shop) और अन्य सुविधाएँ भी विकसित की जाएंगी।


    पर्यटन, नवाचार और पहचान — एक साथ

    विधायक सुइन के अनुसार:

    “यह संग्रहालय केवल एक भवन नहीं, बल्कि मावसिनराम की पहचान, यहां के लोगों की जिजीविषा और वर्षा को जीवन का हिस्सा मानने वाले दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करेगा।”

    यह पहल न केवल स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी, बल्कि मेघालय को एक वैश्विक रेन डेस्टिनेशन के रूप में भी स्थापित करेगी।


    सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण

    रेन म्यूज़ियम में स्थानीय कलाकारों, दस्तकारों और पारंपरिक संस्कृति को भी दर्शाया जाएगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और पानी के महत्व को उजागर करने वाले प्रदर्शनी सेक्शन होंगे। यह पहल विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए समान रूप से आकर्षक होगी।


    परियोजना की समय-सीमा

    • ₹25 करोड़ की लागत

    • 2 वर्षों में निर्माण पूर्ण होने का लक्ष्य

    • स्थानीय संसाधनों और कारीगरों को प्राथमिकता

     

     

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