खैरथल में आर्म्स लाइसेंस रिपोर्ट में 2 माह में बड़ा बदलाव

एक ही आवेदन, एक ही अधिकारी, दो विरोधाभासी रिपोर्टें — खैरथल में पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल।

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खैरथल. बड़े-बड़े पदों पर बैठे अधिकारी कई बार अपने पद का दुरुपयोग बेखौफ होकर उठाते है। जिससे भ्रष्टाचार एवं सांठगांठ की बू साफ झलकती है। चूंकि अधिकारियों के उच्च पदों पर आसीन होने के चलते पकड़ इतनी मजबूत हाेती है ताे उन्हें अहंकार होता है कि शासन-प्रशासन में उससे बड़ा पद काेइ नहीं हाेता है ताे फिर डरना किस बात का, और कोई आएगा भी तो समकक्ष अधिकारी या जूनियर जाे उनके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा। कुछ ऐसा ही एक प्रकरण सामने आया खैरथल पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी की गई नवीन आर्म्स लाइसेंस रिपोर्ट में जिसमें प्रार्थी के द्वारा आवेदन किये जाने पर प्रार्थी काे नवीन लाइसेंस देने के लिए स्पष्ट रूप से मना कर दिया गया। 2 माह बाद एसपी ऑफिस से दोबारा से प्रार्थी के लिए रिपोर्ट तैयार कर लाइसेंस दिए जाने की रिपोर्ट दी गई।
* क्या है पहली रिपोर्ट में :-
16-10-2024 क्रमांक 1941 काे कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला खैरथल तिजारा द्वारा जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट खैरथल तिजारा काे आवेदक आनंद कुमार सोनी पुत्र राजेन्द्र प्रसाद सोनी निवासी नांगल उदिया थाना मंडावर जिला खैरथल-तिजारा काे नवीन आर्म्स लाइसेंस जारी करने के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की गइ। जिसमें जांच अधिकारी किशनगढ़बास वृत्ताधिकारी ने जांच रिपोर्ट में 11 नंबर बिंदु पर आवेदक काे आवेदित शस्त्र धारित करने के लिए दक्ष नहीं बताया गया। इसी प्रकार रिपोर्ट के 13 नंबर बिंदु पर आवेदक की आत्मा सुरक्षार्थ आर्म्स लाइसेंस की आवश्यकता के कारण संतोषजनक नहीं होना बताया तथा आवेदनकर्ता का व्यवसाय थाना इलाका क्षेत्र में नहीं हाेना बताते हुए आर्म्स लाइसेंस दिया जाना उचित नहीं बताया। रिपोर्ट के अंतिम बिंदु संख्या 14 में आवेदक का व्यवसाय थाना मुण्डावर क्षेत्र में नहीं हाेना बताते हुए थाना क्षेत्र में वर्तमान में किसी प्रकार का खतरा होना नहीं बताया तथा आवेदक के द्वारा हथियार का दुरुपयोग करने की संभावना बताते हुए आवेदक काे नवीन आर्म्स लाइसेंस दिया जाना उचित नहीं हाेने की बात कही गई। रिपोर्ट के समापन पर सारांश में वृताधिकारी वृत किशनगढ़बास पुलिस जिला खैरथल तिजारा की जांच रिपोर्ट के आधार पर आवेदक आनन्द कुमार काे नवीन आर्म्स लाइसेंस नहीं दिये जाने की अनुशंसा की गइ। समापन पर जिला पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार के मुहर व साइन किए गए है।
* क्या है दूसरी रिपोर्ट में –
09-12-2024 क्रमांक 2279 को प्रार्थी आनन्द कुमार सोनी के लिए कार्यालय पुलिस अधीक्षक खैरथल तिजारा के द्वारा दोबारा से रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिसमें बिंदु संखया 11 में आवेदक काे आवेदित शस्त्र धारित करने के लिए दक्ष होना बताया गया, जबकि पहले वाली रिपोर्ट में दक्ष होना नहीं बताया गया। बिंदु संख्या 13 में आवेदक को आत्म सुरक्षार्थ आर्म्स लाइसेंस दिया जाना उचित बताया गया। जबकि पहले वाली रिपोर्ट में उचित नहीं बताया गया। अंतिम बिंदु संख्या 14 में आवेदक को सुरक्षा के उद्देश्य हेतु नवीन आर्म्स लाइसेंस दिया जाना उचित कहा गया। जबकि पहले वाली रिपोर्ट में उचित नहीं होना बताया गया। समापन पर आनंद कुमार सोनी को लाइसेंस जारी करने की सिफारिश करते हुए पुलिस काे काेइ आपत्ति नहीं होना बताया। जबकि पहले वाली रिपोर्ट के सारांश में लाइसेंस नहीं दिये जाने की अनुशंसा की गयी थी।
* बड़ा सवाल 2 माह में ऐसा क्या हुआ की बदल गई रिपोर्ट –
2 माह में ऐसा क्या हुआ कि अधिकारियों ने अपनी ही रिपोर्ट काे बदल दिया। जबकि दाेनाे बार की रिपोर्ट में सभी बिंदु समान है कोई नया तथ्य शामिल नहीं किया गया है। एक ही व्यक्ति की रिपोर्ट पर एक ही जांच अधिकारी कोई नया तथ्य शामिल किए बगैर मात्र 2 माह के अंतराल में अपनी रिपोर्ट बदलता है जिससे कई सवाल खड़े होते है।
* अधिकारियों का तर्क – बेतर्क –
जांच अधिकारी वृत्ताधिकारी किशनगढबास राजेन्द्र सिंह व पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार से जब इस संबंध में बात की गइ तो उन्होंने तर्क दिया कि पहले पुलिस को बाद में पता चला कि आवेदक ज्वैलर्स है और उसके साथ पूर्व में लूट एवं डकैती की वारदात हाे चुकी है, जिसको देखते हुए दूसरी रिपोर्ट में लाइसेंस देने की सिफारिश की गइ। अधिकारियों का तर्क इसलिए बेतर्क है क्योंकि आवेदक ने आवेदन करते समय पहली रिपोर्ट में भी ज्वैलर्स होना तथा उसके साथ पूर्व में हुइ घटना, मुकदमा संख्या सहित सभी बिंदुओं को दर्शाया था।

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