अलवर. बाघों के चलते देश के चुनिंदा टाइगर रिजर्व में शुमार सरिस्का अब जल्द ही प्रदूषण मुक्त होगा। जंगल से प्लास्टिक की अनोपयोगी बोतलों को एकत्र कर आधुनिक मशीनों से उनका चूरा बनाया जाएगा, बाद में इसे रिसाइक्लिंग के लिए बाहर भेजा जाएगा। सरिस्का में इस अभियान शुरुआत पिछले दिनों बाघ मित्रों एवं स्कूली बच्चों ने की।
सरिस्का के सीसीएफ संग्रामसिंह कटियार ने बताया कि सरिस्का के जंगल में बढ़ते प्लास्टिक के उपयोग से वन्यजीवों के जीवन पर विपरीत असर पड़ने लगा है। सरिस्का के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने और प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके तहत सरिस्का टाइगर रिजर्व के सदर गेट और टहला गेट पर विशेष प्रकार की प्लास्टिक बोतलों को काटने वाली मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों की मदद से खाली प्लास्टिक बोतलों का चूरा बनाकर रिसाइक्लिंग के लिए भेजा जाएगा। इस पहल की औपचारिक शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर की गई। यह पूरी योजना केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 की थीम ‘रि-साइकिल, रि-यूज, रि-ड्यूज (आरआरआर)’ के अनुरूप तैयार की गई है। इसका उद्देश्य है कि प्लास्टिक को न केवल फिर से उपयोग के योग्य बनाया जाए, बल्कि उसका समुचित निस्तारण भी हो, जिससे वन क्षेत्रों, शहरों और जल निकासी प्रणालियों में फैलने वाला प्लास्टिक कचरा रोका जा सके। अभी तक प्लास्टिक की खाली बोतलें पर्यटक या स्थानीय लोग इधर-उधर फेंक देते थे। ये बोतलें नालों, सड़कों, खुले स्थानों और जंगलों में जमा होकर प्रदूषण फैलाती थीं। साथ ही बरसात के दौरान यही प्लास्टिक की बोतलें नालों में फंसकर जलजमाव का कारण बनती थीं। खुले में पड़ी प्लास्टिक की बोतलें वन्यजीवों के लिए हानिकारक साबित होती थीं। वन्य क्षेत्र में फैलने वाला यह कचरा न केवल पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाता था, बल्कि वहां रहने वाले वन्य जीवों के लिए भी खतरा बनता था।
सरिस्का से प्लास्टिक हटाया
सरिस्का से पिछले करीब दो महीनों में बाघ मित्रों, जिप्सी चालकों, गाइडस, स्कूली बच्चों एवं वनकर्मियों ने मिलकर जंगल में बिखरा पड़ा प्लास्टिक एकत्र कर हटाया। हाल ही में कुशालगढ़ बैरियर से थानागाजी के थैंक्यू बोर्ड तक एवं पाण्डुपोल मार्ग से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक की एकत्रित किया गया। वन विभाग का उड़नदस्ता जंगल में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। वहीं गाइडस जंगल में पर्यटकों को प्लास्टिक नहीं फैलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। वहीं सरिस्का के प्रवेश द्वार पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। साथ ही टिकट खिड़की पर पर्यटकों को सामान्य शुल्क पर कपड़े एवं जूट के बैग उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बाघों के लिए महत्वपूर्ण
बाघों के लिए टाइगर रिजर्व सरिस्का महत्वपूर्ण है। वर्तमान में सरिस्का में बाघों का कुनबा 48 तक पहुंच चुका है।इसके अलावा सरिस्का में बड़ी संख्या में अन्य वन्यजीव भी विचरण करते हैं। इस कारण सरिस्का का पर्यावरण शुदध करना आवश्यक है। इसके अलावा प्लास्टिक के उपयोग से सरिस्का की वनस्पति को भी नुकसान पहुंचता है और बारिश के दिनों में जलस्रोतों में पूरा पानी नहीं पहुंच पाता।