राजस्थान में यूरिया और DAP खाद की भारी किल्लत से किसान परेशान हैं। नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने भाजपा की डबल इंजन सरकार पर हमला बोला और सवाल किया कि जब किसानों को खाद तक नहीं मिल रही तो डबल इंजन का क्या फायदा?
डबल इंजन सरकार के बावजूद राजस्थान में यूरिया-DAP की किल्लत, किसानों की बढ़ी परेशानी : टीका राम जूली
मिशनसच न्यूज, अलवर । राजस्थान में किसानों को यूरिया और DAP खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि जब डबल इंजन सरकार (केंद्र व राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार) होने के बावजूद किसानों को खाद तक उपलब्ध नहीं कराई जा रही, तो आखिर ऐसे डबल इंजन का क्या लाभ है?
टीका राम जुली ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा –
“राजस्थान की भाजपा सरकार ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि राज्य सरकार द्वारा यूरिया, DAP आदि उपलब्ध करवाने की मांग भारत सरकार के सामने प्रस्तुत की जाती है। राजस्थान में अभी यूरिया, DAP की भारी किल्लत है जिसके कारण किसान परेशान हैं यानी इसके लिए राज्य व केन्द्र दोनों डबल इंजन सरकारें जिम्मेदार हैं। क्या डबल इंजन सरकार किसानों को यूरिया, DAP भी उपलब्ध नहीं करवा सकती? जब इन्हें केन्द्र सरकार से भी सहयोग नहीं बनता तो फिर डबल इंजन सरकार का क्या लाभ है?”
किसानों की बढ़ती समस्या
प्रदेशभर में खरीफ और रबी सीजन के दौरान हर साल यूरिया व DAP की मांग में वृद्धि होती है। इस बार समय पर खाद की आपूर्ति न होने के कारण किसान परेशान हैं। कई जिलों में किसानों को लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल रही। इससे बुआई और फसल प्रबंधन प्रभावित हो रहा है।
सरकार की दलील
विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने साफ किया है कि यूरिया और DAP की आपूर्ति राज्य सीधे नहीं करता। इसके लिए मांग केंद्र सरकार के सामने रखी जाती है और वहीं से खाद आवंटन होता है। यानी राज्य का कहना है कि उपलब्धता और वितरण का मुख्य जिम्मा केंद्र सरकार का है।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस ने इस पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा है कि डबल इंजन सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। टीका राम जुली का कहना है कि जब किसानों को खाद और बीज जैसी मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं करवाई जा सकतीं तो ऐसे नारों का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
किसानों की आवाज़
किसानों का कहना है कि समय पर खाद न मिलने से खेती की लागत बढ़ रही है और उत्पादन प्रभावित हो सकता है। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
सवालों के घेरे में ‘डबल इंजन सरकार’
डबल इंजन सरकार को हमेशा विकास, सुशासन और त्वरित समाधान का प्रतीक बताया जाता है। लेकिन विपक्ष के अनुसार जब खाद जैसी बुनियादी जरूरत ही पूरी नहीं हो रही तो यह नारा खोखला साबित हो रहा है।
टीका राम जुली का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार को किसानों की समस्या पर तत्काल गंभीर कदम उठाने चाहिए, ताकि खाद संकट का समाधान हो सके और किसानों को राहत मिल सके।