मानवीय कार्यों और सेवा भाव ने दिलाया समाज में सम्मान
भरतपुर।
कुम्हेर गेट क्षेत्र की नंदनी ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो पढ़ाई और व्यवसाय एक साथ संभालना कोई कठिन कार्य नहीं है। एम.कॉम के बाद शोध कार्य के लिए पंजीकृत नंदनी न सिर्फ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं, बल्कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक सेवा केंद्र का संचालन कर प्रतिमाह ₹25,000 तक की आय भी अर्जित कर रही हैं।
चार साल पहले समृद्ध ग्राम्य अभियान संस्था के निदेशक सीताराम गुप्ता की पहल पर नंदनी ने बैंकिंग सेवा केंद्र की शुरुआत की थी। शुरुआत में भले ही आर्थिक लाभ कम था, लेकिन ईमानदारी, मेहनत और ग्राहक सेवा में मानवीय दृष्टिकोण के चलते आज नंदनी अपने क्षेत्र में एक भरोसेमंद नाम बन चुकी हैं।
बैंकिंग के साथ सामाजिक सेवा भी
नंदनी का केंद्र SBI की कुम्हेर गेट शाखा से जुड़ा है। वह खाताधारकों को ₹20,000 तक जमा और ₹30,000 तक निकासी की सुविधा देती हैं, साथ ही छात्रवृत्ति, पेंशन, बीमा योजनाएं और खाता खोलने जैसी सेवाएं भी देती हैं।
अब तक:
1300 नए बैंक खाते खोले
851 लोगों को अटल पेंशन योजना में जोड़ा
808 लाभार्थियों को जीवन ज्योति बीमा योजना
1198 व्यक्तियों का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में पंजीकरण
जब मानवीय संवेदनाएं बन गईं सेवा का आधार
खेमचंद नामक खाताधारक की मृत्यु के बाद नंदनी ने उनके परिजनों को मात्र एक माह में ₹2 लाख का बीमा भुगतान दिलाया।
पैरालाइसिस से पीड़ित प्रेमवती के घर जाकर उन्हें नकद सहायता उपलब्ध कराई।
कमला रोड की मूक-बधिर बहनों जयना और नगमा के लिए व्यक्तिगत प्रयासों से बैंक खाते खुलवाए और पेंशन प्रक्रिया में सहायता की।
परिवार बना प्रेरणा और सहयोग का स्तंभ
नंदनी के इस सफर में उनके पिता मनोज कुमार ने भी सहयोग दिया। उन्होंने जरूरी कंप्यूटर, प्रिंटर और उपकरण खरीदने में सहायता की, जिसमें समृद्ध ग्राम्य अभियान संस्था ने भी साथ निभाया।
सुबह से लगती है लाइन, विश्वास बन चुका है पहचान
नंदनी के केंद्र पर सुबह से ही ग्राहकों की लाइन लग जाती है। उनका सेवा भाव और सरल व्यवहार ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है, जिसने उन्हें आम युवतियों से अलग एक रोल मॉडल बना दिया है।