भरतपुर के समग्र विकास के लिए कार्य योजना जरूरी: समृद्ध भारत अभियान के निदेशक ने लिखा पत्र
मिशन सच न्यूज, भरतपुर। समृद्ध भारत अभियान के निदेशक सीताराम गुप्ता ने भरतपुर शहर के समग्र और दीर्घकालिक विकास को लेकर जिला कलेक्टर को एक विस्तृत पत्र लिखते हुए चिंता जताई है कि बिना उचित योजना के कराए जा रहे कार्यों से जनता का धन बर्बाद हो रहा है, और अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।
गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि भरतपुर शहर में किए जा रहे अनेक विकास कार्यों की समुचित पूर्व योजना, पर्यवेक्षण और निगरानी के अभाव में इनसे शहरवासियों को लाभ मिलने की बजाय नई समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने आग्रह किया कि शहर के अगले 25 वर्षों की जनसंख्या, संसाधनों और संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक समग्र कार्य योजना प्रतिष्ठित एजेंसी के माध्यम से तैयार कराई जाए।
स्टेडियम विकास में अनियोजन की मिसाल
गुप्ता ने उदाहरण स्वरूप लिखा है कि लोहागढ़ स्टेडियम के विकास हेतु जहां 100 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, वहीं जलभराव की समस्या से निपटने के लिए अलग से 12 करोड़ रुपये के अतिरिक्त टेंडर जारी किए गए हैं। उन्होंने इसे अनियोजित विकास की स्थिति बताया।
जल निकासी में भी भारी खामियां
शहर की जसवंत नगर, तिलक नगर जैसी कॉलोनियों में वर्षाजल निकासी के लिए लगाए गए डीजल पंपों से निकलने वाला पानी पुनः उन्हीं इलाकों में लौट रहा है। गुप्ता का कहना है कि सम्बंधित विभागों के अभियंताओं द्वारा समय पर निरीक्षण और पर्यवेक्षण नहीं किया गया, जिसके चलते ये स्थितियाँ बनीं।
अमृत योजना और डिग्गियों के कार्य धराशायी
पत्र में यह भी उल्लेख है कि अमृत योजना के अंतर्गत ऐतिहासिक कुण्डों व डिग्गियों पर किए गए कार्य पहली ही बारिश में क्षतिग्रस्त हो गए, जो गुणवत्ता और निगरानी की कमी को दर्शाता है।
सर्कुलर रोड को प्राथमिकता देने का सुझाव
गुप्ता ने ऐलिवेटेड रोड के स्थान पर सर्कुलर रोड को 6 से 8 लेन करने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे कम लागत में बेहतर यातायात समाधान मिलेगा। इसके लिए पहले सर्कुलर रोड पर हुए अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता बताई गई है। साथ ही सारस चौराहे पर तत्काल ऐलिवेटेड रोड बनाए जाने की सिफारिश की गई है, क्योंकि वहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।
यातायात और फ्लाईओवर की चिंता
शहर के बाजारों से अतिक्रमण हटाने और रारह व कंजोली फ्लाईओवर की मरम्मत की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने लिखा है कि ये फ्लाईओवर जर्जर अवस्था में हैं और किसी भी समय बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
सुजान गंगा को पुनर्जीवित करने का सुझाव
गुप्ता ने सुझाव दिया कि रामनगर-दो मोरा मार्ग से अतिक्रमण हटाकर कोहनी बांध से जल लाकर सुजान गंगा को भरा जाए। इससे यह नदी प्रदूषण मुक्त होकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित की जा सकती है।
विकास कार्यों की निगरानी के लिए समिति बनाने की मांग
उन्होंने सिफारिश की है कि सिंचाई, जलदाय और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंताओं की एक सामूहिक निगरानी समिति गठित की जाए, जो विकास कार्यों की गुणवत्ता, प्रगति और समयबद्धता सुनिश्चित करे। भुगतान भी समिति की संतुष्टि के बाद ही किया जाए।
आरबीएम, मेडिकल कॉलेज की ऑडिट रिपोर्ट की मांग
अंत में उन्होंने आरबीएम अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और अन्य संस्थाओं की उपयोगिता की समीक्षा हेतु ऑडिट रिपोर्ट तैयार कराए जाने की आवश्यकता भी जताई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक धन का सदुपयोग हो रहा है या नहीं।