More
    Homeराजस्थानजयपुर“यूथ सस्टेनेबिलिटी कांफ्रेंस 2025” : आधुनिक शिक्षा को भारतीय विद्या...

    “यूथ सस्टेनेबिलिटी कांफ्रेंस 2025” : आधुनिक शिक्षा को भारतीय विद्या से जोड़ने का आह्वान

    यूथ सस्टेनेबिलिटी कांफ्रेंस : स्वराज विमर्श यात्रा पहुंची कानोडिया पीजी महिला महाविद्यालय,
    जयपुर। तरुण आश्रम भीकमपुरा से प्रारंभ हुई स्वराज विमर्श यात्रा सोमवार को कनोरिया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर पहुंची। यहां लोक संवाद संस्थान द्वारा आयोजित यूथ सस्टेनेबिलिटी कांफ्रेंस 2025 में युवाओं, शिक्षकों व पर्यावरण प्रेमियों का एकत्रित संगम देखने को मिला।
    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जलपुरुष राजेंद्र सिंह  रहे। उनके साथ हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधी राजीव, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल, राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (RCCI) के अध्यक्ष के. एल. जैन, लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याण सिंह कोठारी सहित अनेक गणमान्य अतिथि मंचासीन रहे।
    कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राजेंद्र सिंह ने भारतीय परंपराओं और ज्ञान की पुनर्परिभाषा पर जोर देते हुए कहा—
    “आज विश्व जिन पर्यावरणीय संकटों से गुजर रहा है, उनके समाधान हमारे परंपरागत भारतीय ज्ञान में मौजूद हैं। आवश्यकता है कि हम आधुनिक शिक्षा को भारतीय विद्या के साथ जोड़ें।”
    उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी शिक्षा पद्धति ने हमें केवल ‘बाबू’ बनाया है, जबकि भारतीय विद्या हमें कर्म, त्याग और तपस्या से सच्ची पद-प्रतिष्ठा दिलाती है। उन्होंने कहा कि यदि युवा पीढ़ी आधुनिकता की चकाचौंध से निकलकर भारतीय ज्ञान की वैज्ञानिकता को आत्मसात करे, तो यही संजीवनी संयोजन हमारी धरती मां को अमृतपान करवा सकता है।
    राजेंद्र सिंह जी ने स्पष्ट किया कि भारतीय परंपरा में ज्ञान को केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि जीवन साधना का मार्ग माना गया है। आज आवश्यकता है कि हम शिक्षा को विद्या के रूप में स्वीकारें— जिसमें श्रद्धा, श्रम और समर्पण के साथ ज्ञान का अर्जन हो।
    इस अवसर पर लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याण सिंह कोठारी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा—
    “भारत का हरित भविष्य तभी संभव है जब हमारी युवा पीढ़ी सतत विकास के प्रति संवेदनशील बने। युवाओं को प्रकृति, जल और पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।”
    कॉन्फ्रेंस में छात्राओं, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की उत्साहजनक भागीदारी रही। सभी वक्ताओं ने युवाओं से आह्वान किया कि वे भारतीय जीवन मूल्यों और पर्यावरणीय चेतना को आत्मसात करें, जिससे न केवल भारत का भविष्य सुरक्षित हो बल्कि समूचे विश्व को एक नया मार्गदर्शन मिल सके।

    latest articles

    explore more

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here