राज्यसभा सभापति धनखड़ के खिलाफ विपक्ष की क्या तैयारी, महाभियोग लाने पर इंडिया के दल होंगे एकमत

नई दिल्ली। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अनुच्छेद 67 के तहत विपक्ष महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटा है। शुक्रवार को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टोन पर सवाल उठाए। इस पर सभापति धनखड़ ने नाराजगी जताते हुए उन्हें मर्यादित आचरण की नसीहत दे डाली।

निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ

सभापति धनखड़ की ओर से सपा सांसद की बात पर नाराजगी जताने के बाद विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी कर वॉकआउट किया। राज्यसभा में विपक्ष के अमर्यादित आचरण के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ।

चौदह का नोटिस देना जरूरी

अनुच्छेद 67 (बी) में प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत द्वारा पारित और लोकसभा की ओर से सहमत एक प्रस्ताव द्वारा उनके कार्यालय से हटाया जा सकता है। इसके लिए चौदह का नोटिस दिया जाना चाहिए।

खरगे व तिवाड़ी ने सभी पहलुओं पर डाली नजर

राज्यसभा में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले विपक्ष ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर घनश्याम तिवाड़ी की टिप्पणी का मुद्दा उठाया। जयराम रमेश ने कहा कि तिवाड़ी के वक्तव्य में आपत्तिजनक बातें कही गई थीं। इस पर रुलिंग देने की बात कही थी, लेकिन वह रुलिंग है क्या। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ बोले मल्लिकार्जुन खड़गे और घनश्याम तिवाड़ी दोनों ही मेरे चैंबर में आए और एक-एक चीज पर नजर डाली।

खड़गे भी सहमत हुए, कुछ भी आपत्तिजनक नहीं 

सभापति धनखड़ ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी ने कहा था कि अगर कुछ भी आपत्तिजनक हो तो मैं सदन में माफी मांगने के लिए तैयार हूं। खड़गे भी इस पर सहमत थे कि कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है, उस समय समझ नहीं आया। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रशंसा में घनश्याम तिवाड़ी ने श्रेष्ठतम बातें कही थीं। इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह बातें सदन को भी जानना चाहिए। सभापति ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी ने संसदीय भाषा में अपनी बातें कहीं।

प्रशंसा के लिए कोई माफी नहीं 

जयराम रमेश ने तिवाड़ी से माफी मांगने की मांग की। सभापति ने कहा कि प्रशंसा के लिए कोई माफी नहीं मांगता। प्रमोद तिवारी ने कहा कि जो शब्द कहे थे, वह दोहराना नहीं चाहता। विपक्ष के नेता के लिए टोन भी ठीक नहीं थी। जयराम रमेश ने कहा कि परिवारवाद का आरोप था।

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