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    लाल प्याज ही नहीं अलवर के प्याज बीज की देश भर में रहती है डिमांड 

    अलवर। जिले में बारिश का दौर जारी है और किसान अपने खेतों में लाल प्याज का बीज लगाने की तैयारी में हैं। पूर्व में अलवर के किसान प्याज की फसल के लिए गुजरात, महाराष्ट समेत कई अन्य राज्यों पर निर्भर रहते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में प्याज के बीज को लेकर स्थिति पूरी तरह बदल गई है, अब अलवर जिले में ही प्याज  की कंठी तैयार की जाने लगी है। इस कारण अलवर के किसानों को स्थानीय स्तर पर ही लाल प्याज का बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इतना ही नहीं अब देश भर से किसान प्याज के बीज की खरीद के लिए अलवर आ रहे हैं। 
    प्याज मंडी संरक्षक अभय सैनी उर्फ पप्पू भाई प्रधान ने बताया कि इस बार लाल प्याज की कंठी, जो कि प्याज का बीज होता है, अलवर जिले में बहुतायत में तैयार किया गया है। उद्यान विभाग की ओर से इस साल अलवर जिले में लाल प्याज की फसल का रकबा बढ़ाने की उम्मीद है।अलवर जिले में लाल प्याज की बुवाई करीब 15 अगस्त के आसपास शुरू होती है। इसके चलते किसान इन ​दिनों लाल प्याज की कंठी की बुवाई के लिए अपने खेतों को तैयार करने में जुटे हैं। पूर्व में अलवर जिले के किसान लाल प्याज की फसल के लिए गुजरात के महुआ, तलाजा, महाराष्ट के नासिक आदि स्थानों से प्याज का बीज लेकर आते थे। दूसरे प्रदेशों से प्याज का बीज लाने के कारण टांसपोर्ट का खर्च बढ़ जाता था और रोग लगने की आशंका भी रहती थी, इसके अलावा कई बार प्याज का बीज खराब होने का खतरा भी रहता था। इन परेशानियों के चलते किसान लाल प्याज की फसल के बजाय सरसों व अन्य फसलों को प्राथमिकता देते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों से लाल प्याज का बीज यानी कंठी अलवर जिले में तैयार होने लगी है। अलवर में तैयार प्याज का बीज गुजरात व महाराष्ट के बीज से सस्ता और गुणवत्ता में अच्छा होने से किसानों की खेती की प्राथमिकता में बदलाव आने लगा और किसान अन्य फसल के बजाय लाल प्याज की फसल ज्यादा करने लगे हैं। किसानों को अलवर में तैयार प्याज का बीज उपयोगी साबित होने के कारण प्याज बीज के उत्पादक यहां बहुतायत मात्रा में कंठी तैयार करने लगे। इससे अलवर के किसानों का प्याज के बीज के लिए बाहरी प्रदेशों पर निर्भर होने के बजाय दूसरे राज्यों के किसान अपनी लाल प्याज की बीज की मांग अलवर से पूरी करने लगे।
    यूपी, एमपी, हरियाणा में अलवर के प्याज बीज की मांग ज्यादा
    कभी लाल प्याज के बीज का आयात करने वाला अलवर जिला अब इस बीज का निर्यातक बन गया है। प्याज के व्यापारी रुजदार भाई ने बताया कि इन दिनों अलवर से लाल प्याज का बीज यूपी, एमपी, हरियाणा, गुजरात, बिहार, महाराष्ट,पंजाब सहित अन्य प्रदेशों में जा रहा है। बाहरी प्रदेशों में अलवर के लाल प्याज के बीज की मांग बढ़ने का कारण है कि यहां का बीज गुणवत्ता में बेहतर है। यही कारण है कि बाहरी प्रदेशों के किसान प्याज मंडी व सीधे प्याज बीज उत्पादकों के पास पहुंचकर लाल प्याज के बीज की खरीद कर रहे हैं। इन दिनों अलवर में लाल प्याज के बीज के भाव 2200 से लेकर 2600 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहे हैं, लेकिन मांग बढ़ने के साथ लाल प्याज के बीज के भाव में तेजी की संभावना है।
    अच्छा उत्पादन मिलने से बाहरी प्रदेशों में मांग ज्यादा
    अलवर में तैयार लाल प्याज के बीज की गुणवत्ता अच्छी होने से अलवर एवं बाहरी प्रदेशों के किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है। प्याज मंडी संरक्षक पप्पू भाई प्रधान ने बताया कि अलवर के प्याज के बीज की उत्पादन क्षमता काफी अधिक है। एक बीघा में करीब छह क्विटंल प्याज का बीज लगाया जाता है और इससे 14 से 15 गुणा तक पैदावार मिलती है। अलवर के लाल प्याज का उत्पादन अधिक होने के साथ ही इसका मंडी में भाव भी अच्छा मिलता है। यहां के लाल प्याज का भाव ज्यादा मिलने का कारण है कि अलवर के प्याज का रंग लाल होता है और स्वाद में तीखा होता है।
    नासिक और अलवर के लाल प्याज की मांग
    देश में लाल प्याज की मांग महाराष्ट के नासिक के बाद अलवर की ज्यादा रहती है। मंडियों में नासिक के लाल प्याज की आवक कम होने के पर अलवर के लाल प्याज की मांग बढ़ जाती है। अलवर का लाल प्याज नवम्बर व दिसम्बर से बाजार में आना शुरू हो जाता है और मार्च के अंत तक चलता है। हालांकि अलवर के लाल प्याज में नमी होने के कारण इसे ज्यादा स्टोरेज नहीं किया जा सकता।
    अलवर के किसान कमा रहे दोहरा लाभ
    अलवर के किसानों के लिए लाल प्याज मुनाफे की फसल साबित हो रही है। लाल प्याज से अलवर के किसान डबल मुनाफा कमा रहे हैं। किसान पहला मुनाफा लाल प्याज का बीज यानी कंठी बाजार में बेचकर कमा रहे हैं, वहीं दूसरा लाभ लाल प्याज की फसल से अधिक उत्पादन कर ले रहे हैं। लाल प्याज से किसानों को अच्छा लाभ मिलने से अलवर जिले में हर साल इसका रकबा बढ़ रहा है।

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