अलवर बना देश में बीमा अदालत की पहल करने वाला पहला जिला, ‘सबको बीमा अभियान 2047’ के तहत ऐतिहासिक कदम
मिशन सच नेटवर्क को व्हाट्सप्प पर फॉलो करे https://chat.whatsapp.com/JnnehbNWlHl550TmqTcvGI
अलवर : “सबको बीमा अभियान 2047” के तहत अलवर जिले ने बीमा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश की पहली बीमा अदालत स्थापित करने की दिशा में पहल की है। यह निर्णय माननीय जिला कलेक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला के निर्देशन में आयोजित जिला स्तरीय बीमा समिति की जून माह की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता एडीएम द्वितीय श्री योगेश डागुर ने की।
श्री योगेश डागुर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में “सबको बीमा अभियान” के अंतर्गत अब तक किए गए प्रयासों की समीक्षा की गई। साथ ही यह भी व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया कि आगामी महीनों में बीमा क्षेत्र में और क्या नवाचार एवं सुधार किए जा सकते हैं, ताकि बीमा की प्राथमिकता एवं उपयोगिता समाज के अंतिम व्यक्ति तक प्रभावशाली रूप से पहुँच सके। इस क्रम में सभी सदस्यों द्वारा संभव उपायों पर विस्तार से चर्चा कर आगे की कार्ययोजना को रूप प्रदान किया गया।
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा बीमा कंपनियों के शिकायत निवारण तंत्र की निगरानी एवं समीक्षा के लिए जिला स्तरीय समितियों को सशक्त भूमिका निभाने की अपेक्षा की गई है। इसी परिप्रेक्ष्य में बीमा से संबंधित विवादों के त्वरित, न्यायोचित और सुलभ समाधान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अलवर जिले में बीमा अदालत की स्थापना को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह बीमा अदालत प्रारंभिक चरण में बीमा शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (Insurance Grievance Redressal Cell) के रूप में कार्य करेगी, जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी तथा तकनीकी सदस्य सचिव के रूप में संयुक्त निदेशक, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, डॉ. संजीव कुमार दास कार्यरत रहेंगे।
IRDAI की 2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बीमा क्षेत्र से जुड़े लगभग 35 प्रतिशत विवाद ऐसे हैं जिन्हें न्यायालय के बाहर सुलझाया जा सकता है। ऐसे मामलों को प्राथमिक स्तर पर संवाद और मध्यस्थता से निस्तारित करने की व्यवस्था से जहां न्यायालयों पर भार कम होगा, वहीं बीमित नागरिकों और बीमा कंपनियों दोनों को समय पर न्याय मिलेगा। इसी लक्ष्य को साकार करने हेतु बीमा अदालत के इस प्रारूप को स्थायी रूप देने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इसके लिए राजस्थान उच्च न्यायालय, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (RALSA) एवं राज्य स्तरीय समिति (SLIC) को पत्र प्रेषित किए जाएंगे, ताकि बीमा अदालत में न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति एवं विधिक वैधता सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में बीमा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के रूप में बजाज एलियांज से श्री वैभव गुप्ता एवं यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस से श्री दयाराम मीणा ने भाग लिया तथा बीमा अदालत की अवधारणा को ग्राहकों के विश्वास एवं पारदर्शिता की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया। उन्होंने वर्तमान बीमा तंत्र में ऐसी इकाइयों की आवश्यकता पर बल दिया जो त्वरित निस्तारण एवं समाधान की प्रक्रिया को सुगम बनाए।
बैठक में अन्य अधिकारियों के रूप में श्री पी.सी. मीणा (संयुक्त निदेशक एग्रीकल्चर), श्री सतीश कुमार (RTO), श्री हरीश नानकवाल (सहायक निदेशक रोजगार कार्यालय), श्री बाबूलाल पालरिया (एलडीएम), श्रीमती बबीता सिंह (EO, CDO), श्री अमित कुमार दीक्षित (श्रम विभाग), श्री मनोज कुमार दीक्षित (सहायक निदेशक, बीमा विभाग) तथा विभागीय प्रतिनिधि श्री हरी सिंह, लोकेश वशिष्ठ, शैलेन्द्र शर्मा एवं कनिष्क चौधरी उपस्थित रहे।
संयुक्त निदेशक डॉ. संजीव कुमार दास द्वारा प्रस्तुत इस नवाचार को माननीय जिला कलेक्टर डॉ. आर्तिका शुक्ला ने सैद्धांतिक सहमति देते हुए प्राथमिकता के साथ पायलट प्रोजेक्ट के रूप में क्रियान्वित करने की स्वीकृति दी है। यह पहल बीमा से जुड़े मामलों के समाधान के लिए वैकल्पिक मंच के रूप में देशभर में एक अनुकरणीय मॉडल सिद्ध हो सकती है। अलवर जिले द्वारा बीमा न्याय की इस दिशा में किया गया यह प्रयोग सामाजिक सुरक्षा, न्यायिक समावेशन एवं प्रशासनिक नवाचार का सशक्त उदाहरण बन रहा है।
“सबका बीमा – सबकी सुरक्षा – सबका सम्मान” के मूलमंत्र के साथ यह प्रयास राज्य एवं राष्ट्र के स्तर पर बीमा सेवाओं में पारदर्शिता, त्वरित समाधान और विश्वास की नींव को और अधिक मजबूत करेगा।
मिशन सच नेटवर्क को व्हाट्सप्प पर फॉलो करे https://chat.whatsapp.com/JnnehbNWlHl550TmqTcvGI