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    ‘भाषा नहीं बन सकती विवाद की जड़’ – राज्यपाल की चिंता, फडणवीस ने दी सख्त चेतावनी

    मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद के तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा बयान दिया है। गुरुवार को नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में मराठी अध्ययन केंद्र के शुभारंभ के मौके पर फडणवीस ने कहा भाषा झगड़े की जड़ नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी बोलने का आग्रह करना स्वाभाविक है लेकिन भाषा के नाम पर विवाद या किसी के साथ जबरदस्ती या मारपीट करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फडणवीस ने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र में अगर कोई भी भाषा के नाम पर जोर जबरदस्ती करेगा तो हम कार्रवाई करेंगे। राजनीतिक प्रेक्षक हिंदी बनाम मराठी विवाद को स्थानीय निकाय के चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि यह विवाद चुनावी और राजनीतिक हितों को लेकर है। अब देखना यह है कि सीएम आने वाले दिनों मनसे की गुंडागर्दी जारी रहने पर क्या एक्शन लेते हैं?

    मराठी शोध केंद्र का होना गर्व है

    मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाषा विवाद पर दूसरी बार चेतावनी दी है। मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी नहीं बोलने पर लोगों को पीटने पर फडणवीस पहले भी वॉर्निंग दे चुके हैं। गुरुवार को नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फडणवीस ने मराठी भाषा विभाग में कवि कुसुमाग्रज मराठी शोध केंद्र का उद्घाटन एवं छत्रपति शिवाजी महाराज सामरिक एवं संरक्षण शोध केंद्र का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस मौके पर वे पत्रकारों से बात कर रहे थे। फडणवीस ने कहा कि मराठी भाषा को सांस्कृतिक भाषा का दर्जा प्राप्त होने के बाद जेएनयू में मराठी शोध केंद्र की शुरुआत होना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भाषा संवाद का माध्यम है। इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए।
      
    MNS को सीएम की चेतावनी

    इस तरह मुख्यमंत्री ने एक बार फिर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को बता दिया है कि भाषा के नाम पर महाराष्ट्र में मारपीट की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम फडणवीस ने यह कड़ी चेतावनी ऐसे वक्त पर दी है जब महाराष्ट्र के राज्यपाल पहले ही भाषा विवाद पर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने मनसे द्वारा लोगों को पीटने की तुलना तुच्छ राजनीति से की थी। राज्यपाल ने कहा था कि मुझे मारेंगेतो क्या मैं मराठी बोलूंगा। राज्यपाल ने यह भी कहा था कि अगर नफरत फैलाएंगे तो निवेश के लिए कौन आएंगा। इस पर मनसे ने कहा था कि निवेश बाद में है मराठी पहले है। राज्यपाल के बयान पर शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने आग्रह किया था कि राज्य में मराठी को तवज्जो मिले। वह आग्रह करते हैं कि राज्यपाल भी अगला भाषण मराठी में दें।

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