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    शेखावत ने साधा राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना



        शेखावत ने परिवारवाद बनाम संस्कार की राजनीति पर उठाए सवाल

    मिशनसच न्यूज, नई दिल्ली।  केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार किया है। शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माताजी के बारे में अपशब्द कहना उन नेताओं की राजनीतिक सोच और संस्कारों की कमी को उजागर करता है, जिन्हें केवल परिवार की अनुकंपा से राजनीति का रसूख प्राप्त हुआ है।

    शेखावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति में “मां” को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। मां केवल जन्म देने वाली नहीं होती, बल्कि वह अपने जीवन के संघर्ष और मूल्यों से संतान के चरित्र का निर्माण करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताजी ने कठिन परिस्थितियों में साधारण जीवन जीते हुए अपने बेटे में राष्ट्र सेवा और समर्पण की भावना भरी। यही वजह है कि मोदी जी आज एक जनसेवक के रूप में करोड़ों भारतीयों के दिलों पर राज कर रहे हैं। इसके विपरीत, परिवारवादी नेताओं के लिए राजनीति और सत्ता केवल वंशानुगत संपत्ति की तरह है।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे नेता यह मान बैठे हैं कि राजनीति उनके खानदान का अधिकार है। इसी मानसिकता के चलते वे जनता की भावनाओं को समझने में विफल रहते हैं। उन्होंने कहा कि गरीब और सामान्य परिवार से निकले नरेंद्र मोदी जी की तुलना उन नेताओं से नहीं की जा सकती जो राजनीति की विरासत में मिली सुविधा और विशेषाधिकारों में पले-बढ़े हैं।

    शेखावत ने यह भी कहा कि अपशब्दों का प्रयोग केवल राजनीतिक स्तर की गिरावट को ही नहीं दर्शाता, बल्कि यह उन नेताओं की मानसिकता का भी आईना है, जिन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं की समझ ही नहीं है। “संस्कारवान व्यक्ति कभी भी मां के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं कर सकता। यह भारतीय समाज की मूल चेतना है,” उन्होंने कहा।

    उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय राजनीति में आज एक ओर परिवारवाद और अवसरवाद की जड़ें मजबूत करने वाले दल हैं, तो दूसरी ओर ऐसे नेता हैं जिन्होंने संघर्ष और तपस्या से अपनी पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री मोदी इसका उदाहरण हैं, जिनकी मां ने गरीबी, तपस्या और धर्मनिष्ठा के साथ उन्हें ऐसे संस्कार दिए जो आज पूरे देश की प्रेरणा बने हैं।

    शेखावत ने कहा कि लोकतंत्र में स्वस्थ बहस और विचार-विमर्श आवश्यक है, लेकिन व्यक्तिगत और पारिवारिक मर्यादाओं का उल्लंघन करना किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने विपक्षी नेताओं से अपेक्षा की कि वे राजनीति की प्रतिस्पर्धा में भी शिष्टाचार और संस्कृति का पालन करें।

    केंद्रीय मंत्री के अनुसार, देश की जनता अब भलीभांति समझ चुकी है कि परिवारवाद की राजनीति देश के भविष्य के लिए कितनी हानिकारक है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी का जीवन और उनकी मां के दिए संस्कार इस बात का उदाहरण हैं कि त्याग, संघर्ष और सेवा भाव से ही भारत का नया निर्माण संभव है।

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