अलवर. दिव्यांग लोगों को सबसे बड़ी तकलीफ यह होती है कि दिव्यांग होने के चलते उन्हें अपने कार्य करने मे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दिव्यांग लोगों की इसी समस्या को समझते हुए अलवर शहर में रोटरी क्लब ग्रेटर की ओर से आगामी 9 जून को निशुल्क कृत्रिम हाथ वितरण शिविर लगाया जाएगा। अलवर रोटरी क्लब ग्रेटर के अध्यक्ष एमएल गुप्ता ने बताया कि रोटरी क्लब ग्रेटर अलवर की ओर से रोटरी क्लब जयपुर मेजेस्टी के साथ साथ LN-4 Prosthetic Hand (कृत्रिम हाथ) निशुल्क लगाने एवं वितरण करने का शिविर महावर धर्मशाला कुशमार्ग अलवर में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रविवार को आयोजित किया जाएगा। इस शिविर से ऐसे लोगों को फायदा होगा। जिसमें कोहनी से 4 इंच के आगे जिन व्यक्तियों के हाथ नहीं है या हाथ कट गया है। उन व्यक्तियों को निशुल्क हाथ लगाया जाएगा। जिससे व्यक्ति अपने रोजमर्रा के कार्य जैसे.खाना, पीना, लिखना, कम्प्यूटर चलाना, कार, स्कूटर एवं साईकिल चलाना संभव है, क्योंकि इस हाथ की तीन अंगुलिया कार्यशील रहती है। यह हाथ LN-4 Foundation America के द्वारा उपलब्ध कराए जाएगे। यह शिविर क्लब के सहयोग से जरूरतमंद लोगों के लिए निशुल्क लगाया जा रहा है। अध्यक्ष ने कहा कि शिविर के दिन जांच, हाथ लगाना तथा खाने.पीने की सभी व्यवस्था रोटरी क्लब अलवर ग्रेटर क्लब अलवर द्वारा की जा रही है। क्लब को अभी तक 131 से अधिक जरूरतमंदो का पंजीयन हो चुका है। अध्यक्ष ने कहा कि क्लब का ध्येय है कि शिविर का ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ उठाएं और उनकी जिंदगी बेहतर तरीके से जी सकें, इसके लिए यह संस्था आगे आती है। अलवर में इस तरह का शिविर तीसरी बार लगाया जा रहा हैं। इससे पहले 2019 व 2022 मे इस तरह का शिविर लग चुका है। 2019 में रोटरी क्लब ग्रेटर की ओर से यह शिविर लगाया गया था। जिसमें 225 से ज्यादा लोगों ने इसका लाभ उठाया। इस साल की क्लब का उद्देश्य यह है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग आए और शिविर का लाभ उठाएं। अध्यक्ष ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को इस कृत्रिम हाथ की आवश्यकता है, तो वह आ सकता है, यदि किसी जरूरतमंद व्यक्ति को वह जानता है तो उसका रजिस्ट्रेशन में कर कर 9 जून को शिविर में लाभ ले सकता है।
अध्यक्ष एमएल गुप्ता ने कहा कि यह हाथ लगाने और निकलने में अत्यंत सहजए मजबूतए टिकाऊ एवं बहुउपयोगी है। इस हाथ की यह खास बात है कि इसकी तीन उंगलियां स्थाई है जबकि दो उंगलियां हिलाई जा सकती है। ऐसे दिव्यांग व्यक्ति जो अभी साइकिल नहीं चला सकते वह भी इसके लगने के बाद से साइकिल चला सकते हैं। इस हाथ का वजन करीब 400 ग्राम है। यह शिविर रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशन एवं देख-रेख में लगाया जा रहा है।