मुंबई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार में कृषि मंत्रालय चर्चा का विषय बना हुआ। विधानसभा सदन में अंदर मोबाइल पर रमी गेम खेलने पर माणिकराव कोकाटे से कृषि विभाग छीन लिया गया था। मुख्यमंत्री ने यह विभाग अजित पवार गुट के मंत्री दत्तात्रेय भरणे को दे दिया था और कोकाटे को खेल मंत्री बना दिया था। ऐसा लगता है कि कृषि विभाग मिलने से मंत्री दत्तात्रेय भरणे भी खुश नहीं हैं। भरणे का कहना है कि खेल मंत्रालय ही अच्छा था। कृषि मंत्रालय में बहुत सिरदर्द है। तो वहीं दूसरी ओर अजित पवार ने कहा है कि राज्य के गठन से ही यह स्पष्ट है कि पालक मंत्री, मंत्री, राज्य मंत्री अथवा किसी को भी कौन सा विभाग देना है। यह मुख्यमंत्री तय करते हैं। ऐसे में इस विषय पर विवाद करने का कोई कारण नहीं है। महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री के तौर पर खुद अजित पवार ही वित्त विभाग संभाल रहे हैं। उन्होंने 2025-26 के लिए 9,710 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
पहले कोकाटे ने भी थी टिप्पणी?
दत्तात्रेय भरणे अभी तक खेल विभाग संभाल रहे थे। रमी खेलने पर कृषि विभाग गंवाने वाले माणिकराव काेकाटे ने भी एक बार टिप्पणी की थी। तब उन्होंने कृषि मंत्रालय को उजाड़ गांव की जमीदारी बताया था, उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ था। गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति काफी सालों से खराब है। 79वें स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त पर राज्य के कई जगहों पर किसानों का विरोध और समाधि लेने के मामले सामने आए थे। अब मंत्री दत्तात्रेय भरणे कृषि मंत्रालय को सिरदर्द बता कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनके बयान से ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र में किसानों की तरह कृषि मंत्रालय की भी हालत खराब चल रही है। आने वाले दिनों में भरणे का बयान विवाद का कारण बन सकता है।