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    हरियाणा चुनाव में हार का विश्लेषण, बीजेपी का फोकस 42 हारी सीटों पर

    चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी ने अपने नेताओं को विधानसभा चुनाव में हारी 42 सीटों को जीत में बदलने का टास्क दिया है। इसके लिए पार्टी ने मंगलवार को चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुला ली है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली भी मौजूद रहेंगे। बैठक में पार्टी के आगामी कार्यक्रमों और सरकार की नीतियों पर चर्चा होगी। हालांकि विधायक दल की बैठक हर महीने होती है, लेकिन इस बार की बैठक इसलिए अहम है क्योंकि मुख्यमंत्री बैठक में विधायकों से सरकार के नौ महीने के कार्यकाल को लेकर फीडबैक लेंगे।

    हारी हुई सीटों को लेकर मंथन

    वहीं 2024 के विधानसभा चुनावों में हारी हुई सीटों को लेकर भी मंथन होगा। बीजेपी ने अभी से ‘मिशन-2029’ लगभग चार साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। हारी हुई 42 सीटों पर मोर्चाबंदी के लिए पार्टी के मंत्रियों और विधायकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। हर विधायक के हिस्से में एक हलका आएगा। इससे नायब सरकार विपक्ष के 42 हलकों में यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ और हरियाणा में एक समान विकास के अपने सिद्धांत पर कायम है।
      
    ‘संकल्प-पत्र’ में किए गए वादों को लेकर भी होगी चर्चा

    इन हलकों में पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा आम लोगों की समस्याओं को सुनने और उन्हें दूर करने का जिम्मा मंत्रियों और विधायकों को सौंपा जाएगा। मंत्रियों और विधायकों को इन हलकों में जाना भी पड़ेगा। विपक्ष के हलकों में दौरों के दौरान मंत्री और विधायक पार्टी के उम्मीदवारों के अलावा वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को भी साथ रखेंगे। मंगलवार को होने वाली बैठक के संबंध में रविवार को सभी विधायकों को सूचित कर दिया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री विधायकों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर चर्चा करेंगे। उनसे फील्ड की रियल्टी जानेंगे ताकि किसी स्तर पर कमियां हैं तो उन्हें दूर किया जा सके। इसी तरह से 2024 के ‘संकल्प-पत्र’ में किए गए वादों को लेकर भी बातचीत हो सकती है।

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